कोविड-19 वायरस लोगों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर रहा है. दुनियाभर में कोरोना के लक्षणों और इससे होने वाली परेशानियों पर शोध चल रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में आये केस से पता चलता है कि ये आपकी पांचों इंद्रियों को भी नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है. हाल ही में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि यह आपके कानों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. कोरोना वायरस आपके कानों को प्रभावित कर सकता है और संभावित रूप से सुनने की समस्या, टिनिटस (कान में बजना या गूंजना), चक्कर आना या संतुलन की समस्या पैदा कर सकता है.
वायरस कर सकता है भीतरी कान को संक्रमित: रिसर्च
एमआईटी (MIT) और मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर (Massachusetts Eye and Ear) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि वायरस आपके कानों के भीतरी हिस्से (Inner ear) की सेल और कानों के बालों की सेल को संक्रमित कर सकता है. ये दोनों ही सुनने में भूमिका निभाते हैं.
इसके अलावा, टीम ने पाया कि इंसानों के कान के भीतरी हिस्से के टिश्यू में देखा गया कि इन्फेक्शन का पैटर्न दस कोविड -19 रोगियों के अध्ययन में देखे गए सिम्प्टम जैसा ही है. ये सभी वो रोगी थे जिन्होंने कोविड-19 के दौरान अलग-अलग कानों के सिम्पटम्स नोटिस किये थे.
नेचर कम्युनिकेशंस मेडिसिन में प्रकाशित अपने पेपर में रिसर्चर्स ने कहा, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि इनर ईयर इन्फेक्शन से सुनने और संतुलन के साथ कोविड -19 से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं."
क्या पाया गया रिसर्च में?
रिसर्च के लिए टीम ने इंसान के इनर ईयर के सेलुलर मॉडल का उपयोग किया गया. उन्होंने उन रोगियों के कान के टिश्यू भी लिए, जिनकी सर्जरी हो रही थी. ये सर्जरी उनकी कान की समस्या के लिए हो रही थी. पेपर के अनुसार, इनर ईयर के ऐसे टिश्यू मिलना काफी चुनौतीपूर्ण है जिसका कारण कोविड या फिर कोई और बीमारी हो.
रिसर्च में पाया गया कि कुछ प्रकार की सेल- hair cells और Schwann cells प्रोटीन निकालती हैं, जिन्हें ACE2 रिसेप्टर के रूप में जाना जाता है और साथ ही दो अन्य एंजाइम जो सेल्स में प्रवेश करने के लिए SARS-CoV-2 वायरस के लिए जरूरी होते हैं. आसान शब्दों में समझें, तो ये प्रोटीन वायरस के लिए होस्ट सेल के साथ फ्यूज करना आसान बनाता है.
टीम ने ये भी पाया कि SARS-CoV-2 भीतरी कान (Inner ear), विशेष रूप से बालों के सेल्स को संक्रमित कर सकता है.
कितने रोगियों ने की शिकायत?
कोविड संक्रमण के बाद कान से संबंधित लक्षणों का अनुभव करने वाले 10 कोविड रोगियों में से, 9 ने टिनिटस यानि कानों में कुछ बजने की शिकायत की, जबकि छह ने चक्कर, और सभी ने कम सुनाई देने के सिम्प्टम महसूस किये.
MIT के इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल इंजीनियरिंग की प्रोफेसर ली गेहरके (LEE GEHRKE) कहते हैं, “इस मॉडल का होना पहला कदम है, और यह शोध न केवल कोरोना वायरस बल्कि अन्य वायरस के लिए भी सचेत करता है, जिसकी वजह से इंसान की सुनने की शक्ति प्रभावित होती है.”