भारत ही नहीं दुनिया के अलग-अलग देशों में SARS-CoV-2 वायरस के Omicron वेरिएंट से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं. लेकिन एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि 50 प्रतिशत से अधिक लोग जो ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित थे, उन्हें यह नहीं पता था कि वो कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट का शिकार हुए हैं.
कई अध्ययनों में ये पता चला है कि COVID-19 संक्रमण वाले कुछ लोगों को कोरोना के लक्षणों का अनुभव नहीं होता है. इसके अलावा, पिछले SARS-CoV-2 वेरिएंट की तुलना में Omicron वेरिएंट के लक्षण कम गंभीर होते हैं. ओमिक्रॉन वेरिएंट से जुड़े लक्षणों में थकान, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश और नाक बहना मुख्य रुप से है.
जागरूकता की कमी से तेजी से फैल रहा वायरस
अध्ययन करने वाले जांचकर्ताओं ने कहा कि संक्रमण के बारे में जागरूकता की कमी वायरस के तेजी से प्रसार का कारण बन सकता है. बताया गया कि Omicron वेरिएंट SARS-CoV-2 के पिछले वेरिएंट से कई मायनों में अलग है.
ओमिक्रॉन म्यूटेशन का कब चला पता?
COVID-19 वायरस के ओमिक्रॉन म्यूटेशन का पहली बार नवंबर 2021 की शुरुआत में बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका में पता चला था. 26 नवंबर, 2021 को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अल्फा, बीटा, गामा, और SARS-CoV-2 के डेल्टा वेरिएंट के बाद इसे कारोना का पांचवा वेरिएंट घोषित कर दिया.
सबसे तेज फैलता है ओमिक्रॉन
अब तक पहचाने गए सभी SARS-CoV-2 प्रकारों में से, Omicron को सबसे अधिक फैलने वाला बताया गया. शोध से पता चलता है कि यह डेल्टा वेरिएंट की तुलना में चार गुना तेजी से फैल सकता है. अन्य पिछले COVID-19 वायरस वेरिएंट की तुलना में, Omicron को कम गंभीर माना गया. ज्यादातर टीकाकरण करा चुके लोग इस वेरिएंट के शिकार हुए हैं, लेकिन उन्हें हल्के लक्षण हुए.
ओमिक्रॉन के कई नए सब वेरिएंट
BA.1, BA.2, BA.4, BA.5 समेत Omicron के कई नए सब वेरिएंट सामने आए हैं. BA.5 सब वेरिएंट, जोकि अमेरिका में प्रमुख है. इसे अब तक का सबसे संक्रामक स्ट्रेन माना जाता है.
आइसलैंड के लैंडस्पिटाली-द नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के एक अध्ययन से पता चला कि Omicron वेरिएंट पहले की तुलना में ज्यादा कॅामन है.
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