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Menstrual Hygiene Day 2022: दुनियाभर के ये देश पीरियड्स के दौरान देते हैं पेड लीव, भारत की स्थिति क्या?

मुझे पीरियड्स हो रहे हैं और इसीलिए छुट्टी चाहिए. क्या आप अपने दफ्तर में ऐसा कहकर छुट्टी ले सकते हैं. हां.. दुनिया के तमाम देशों में मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान तो दिन की छुट्टी दी जाती है. कौन-कौन से हैं ये देश और इस मामले में भारत की क्या स्थिति है आइए जानते हैं.

menstrual hygiene day 2022/Sasun Bughdaryan menstrual hygiene day 2022/Sasun Bughdaryan
हाइलाइट्स
  • 28 मई को मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे मनाया जाता है.

  • दुनियाभर के ये देश पीरियड्स के दौरान देते हैं पेड लीव

28 मई को मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे (Menstrual Hygiene Day 2022) है. इसका मकसद महिलाओं को माहवारी के दौरान साफ-सफाई के महत्‍व को समझाना है. 2014 में जर्मनी के वॉश यूनाइटेड नाम के एक एनजीओ ने इसकी शुरुआत की थी. तब से लेकर हर साल 28 मई को मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे सेलिब्रेट किया जाता है. आमतौर पर ज्यादातर महिलाओं का मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिन का होता है, इसलिए 28 मई को यह दिन मनाया जाने लगा.

पीरियड्स के दिनों में छुट्टी

पीरियड्स का एक्सपीरिएंस हर स्त्री के लिए अलग-अलग हो सकता है. किसी के पेट में बेतहाशा दर्द होता है तो किसी के लिए यह आम मेंस्ट्रुअल साइकिल की तरह होता है. मेंस्ट्रुअल साइकिल एक शारीरिक प्रक्रिया है. हमारे देश में पीरियड्स को लेकर इतने मिथ हैं कि लोग इस बारे में बात करने में भी शर्माते हैं. भारत समेत कई देशों में पीरियड्स के दौरान छुट्टियां दी जीता हैं. आइए जानते हैं किन-किन देशों में इसे कानूनी मान्यता दी गई है.

सबसे पहले बात भारत की

भारत में मेंस्‍ट्रुअल लीव को लेकर अलग से कोई कानून नहीं है. अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्य निनॉन्ग एरिंग ने साल 2017 में द मेन्स्ट्रुएशन बैनिफिट बिल का प्रस्ताव रखा था. इसमें कामकाजी महिलाओं के लिए चार दिन की पेड पीरियड लीव देने की बात कही गई. इसमें ये भी कहा गया था कि अगर कोई महिला लीव नहीं लेना चाहती तो उसे पीरियड्स के दौरान दिनभर में 2 बार आधे घंटे का ब्रेक दिया जाना चाहिए. अगर कोई कंपनी छुट्टी देने से मना करे तो उस पर जुर्माना या फिर जेल की सजा का प्रावधान होना चाहिए. अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ. हालांकि देश की कई कंपनियां अपने यहां काम करने वाली महिलाओं को पेड पीरियड लीव देती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में बिहार पहला ऐसा राज्य है जहां साल 1992 से महिला कर्मचारियों को 2 दिन की पीरियड्स लीव दी जाती है. इसकी शुरुआत लालू यादव ने की थी.

60 प्रतिशत से ज्यादा एशियाई देश महिलाओं को पेड पीरियड लीव देते हैं.

स्पेन: पीरियड्स के दौरान हर महीने महिलाओं को तीन अतिरिक्त छुट्टियां देने वाला स्पेन पहला पश्चिमी देश है. स्पेन में सैनिटरी पैट और टैम्पून पर वैट भी नहीं लगता है.

इंडोनेशिया: इंडोनेशिया में 2003 में एक कानून पारित किया जिसमें महिलाओं को बिना किसी पूर्व सूचना के दो दिन के मासिक मासिक अवकाश का अधिकार दिया गया. इंडोनेशिया महिलाओं को महीने में दो दिन की मासिक धर्म की छुट्टी देता है.

जापान: इस मामले में जापान कई देशों के लिए उदाहरण साबित हो सकता है. 1947 में ही जापान ने अपने कानून में पीरियड्स लीव को शामिल किया. हालांकि वहां की ज्यादातर महिलाएं इस कानून का फायदा नहीं उठाती हैं. जापान की लगभग 6,000 कंपनियों के सर्वे में पाया गया कि केवल 0.9 प्रतिशत फीमेल वर्कर्स ने ही मासिक धर्म की छुट्टी ली थी. 

दक्षिण कोरिया : दक्षिण कोरिया में महिलाओं को हर महीने एक दिन की पीरियड लीव दी जाती है, हालांकि यह पेड नहीं है. पुरूष इस छुट्टी को भदेभाव के रूप में देखते हैं.

ताइवान: ताइवान अपनी महिला श्रमिकों को साल में 3 दिन पीरियड्स लीव देता है.

जाम्बिया: जाम्बिया में महिला कर्माचारियों को हर महीने एक दिन की पीरियड लीव दी जाती है. 2013 में इसे लागू किया गया था. इतने सालों के बाद अब जाकर महिलाएं अपने अधिकार का प्रयोग करना शुरू कर रही हैं.