
क्या आपने कभी सोचा है कि आपका स्मार्टफोन आपकी मेंटल हेल्थ पर कैसा प्रभाव डाल रहा है? आज की डिजिटल दुनिया में हम लगभग हर समय इंटरनेट से जुड़े रहते हैं, लेकिन क्या यह हमारे दिमाग के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक? एक नए शोध में यह पाया गया है कि सिर्फ दो हफ्तों तक स्मार्टफोन से इंटरनेट को ब्लॉक करने से मेंटल हेल्थ, फोकस करने की क्षमता और संपूर्ण खुशहाली में जबरदस्त सुधार हो सकता है.
91% अमेरिकियों के हाथ में स्मार्टफोन, लेकिन मानसिक शांति गायब!
Pew Research Center की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज अमेरिका में 91% लोग स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं, जो इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं. यह आंकड़ा 2011 में मात्र 33% था. वहीं, एक और रिसर्च बताती है कि लोग औसतन 5 घंटे 16 मिनट प्रतिदिन अपने स्मार्टफोन स्क्रीन पर बिताते हैं.
इतनी तेजी से डिजिटल दुनिया में घिर जाने के कारण लोगों में चिंता बढ़ने लगी है. 2022 के Gallup Poll के अनुसार, 58% अमेरिकी स्मार्टफोन यूजर्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वे अपने फोन का बहुत अधिक उपयोग कर रहे हैं. 30 साल से कम उम्र के युवाओं में यह प्रतिशत 80% तक पहुंच जाता है.
इंटरनेट ब्लॉक करने से मेंटल हेल्थ में सुधार
टेक्सास यूनिवर्सिटी के मैकॉम्ब्स स्कूल ऑफ बिजनेस में मार्केटिंग के एसोसिएट प्रोफेसर एड्रियन वार्ड ने इस चिंता को लेकर एक शोध किया. इस अध्ययन में 467 लोगों को शामिल किया गया और चार सप्ताह का एक कंट्रोल्ड ट्रायल किया गया.
कैसे किया गया स्मार्टफोन का असर मापने का प्रयोग?
सभी प्रतिभागियों को उनके स्मार्टफोन पर एक विशेष ऐप इंस्टॉल करने को कहा गया, जिसने ब्राउजर और सोशल मीडिया सहित सभी इंटरनेट एक्सेस को ब्लॉक कर दिया. केवल कॉल और मैसेज की सुविधा चालू रखी गई. प्रतिभागियों को अब इंटरनेट का उपयोग केवल अपने लैपटॉप या डेस्कटॉप पर ही करना था. चार हफ्तों तक इस अध्ययन को दो समूहों में बांटा गया. एक समूह ने पहले दो हफ्तों तक इंटरनेट ब्लॉक किया, जबकि दूसरे ने बाद के दो हफ्तों में. इस दौरान प्रतिभागियों की मेंटल हेल्थ और फोकस करने की क्षमता को अलग-अलग टेस्टिंग से मापा गया.
सिर्फ दो हफ्तों में बड़ा बदलाव!
शोध में यह पाया गया कि सिर्फ 14 दिनों तक स्मार्टफोन से इंटरनेट को ब्लॉक करने के बाद प्रतिभागियों के मानसिक स्वास्थ्य और ध्यान क्षमता में शानदार सुधार हुआ. 91% प्रतिभागियों में मानसिक स्वास्थ्य, ध्यान क्षमता या खुशी में कम से कम एक पहलू में सुधार देखा गया. वहीं, 71% प्रतिभागियों ने बताया कि वे पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं. इतना ही नहीं बल्कि डिप्रेशन के लक्षणों में इतनी अधिक कमी आई, जितनी कई एंटीडिप्रेसेंट दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल में भी नहीं देखी गई थी. ध्यान क्षमता में इतना सुधार हुआ कि यह 10 साल की मानसिक गिरावट को पलटने के बराबर था. प्रतिभागी दिन-प्रतिदिन खुद को बेहतर महसूस करने लगे, और इंटरनेट ब्लॉक करने के फायदे लगातार बढ़ते गए.
स्मार्टफोन का कम उपयोग = खुशहाल जीवन?
शोधकर्ताओं के अनुसार, जब लोगों ने मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करना बंद किया, तो उन्होंने अपने जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखे. जैसे- टीवी या ऑनलाइन वीडियो देखने के बजाय उन्होंने अधिक समय ऑफलाइन एक्टिविटी में बिताया. वे ज्यादा समय परिवार और दोस्तों के साथ बिताने लगे. वे लोग प्राकृतिक वातावरण में अधिक समय बिताया, जिससे मानसिक शांति मिली. साथ ही उनकी नींद की गुणवत्ता बेहतर हुई और वे अपनी जिंदगी के निर्णयों पर ज्यादा नियंत्रण महसूस करने लगे.