अगर आप भी माइक्रोवेव सेफ प्लास्टिक समझकर माइक्रोवेव में खाना गरम करते हैं तो संभल जाएं. ऐसा करना खतरनाक हो सकता है. एक नए अध्ययन से पता चला है कि माइक्रोवेव में खाना गर्म करने पर प्लास्टिक के कंटेनरों से अरबों नैनोप्लास्टिक कण निकलते हैं. अमेरिका में नेब्रास्का-लिंकन यूनिवर्सिटी की एक टीम ने इस रिसर्च के लिए पॉलीप्रोपाइलीन और पॉलीइथाइलीन से बने बेबी फूड कंटेनरों का इस्तेमाल किया, इन फूड कंटेनरों को एफडीए ने उपयोग के लिए सुरक्षित माना है.
3 मिनट तक गर्म करना भी नुकसानदायक
शोधकर्ताओं ने रिसर्च के लिए ये फूड कंटेनर डिऑयनाइज्ड से भर दिए. कंटेनर और पाउच को 1000 वॉट के माइक्रोवेव पर तीन मिनट पर पूरी क्षमता के साथ गरम किया गया. इसके बाद तरल पदार्थों के विश्लेषण पर शोधकर्ताओं ने पाया कि केवल एक वर्ग सेंटीमीटर प्लास्टिक से 4.22 मिलियन माइक्रोप्लास्टिक और 2.11 बिलियन नैनोप्लास्टिक कण माइक्रोवेव हीटिंग के दौरान खाने में जा सकते हैं. इनवायरमेंटल साइंस एंड टेन्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में कृत्रिम ढंग से तैयार तीन-चौथाई एम्ब्रीऑनिक किडनी सेल ऐसे कणों के संपर्क में आने के दो दिन बाद ही मर गईं.
नैनोप्लास्टिक कण हमारे पेट में पहुंच रहे
रिसर्च के मुख्य लेखक और अमेरिका स्थित नेब्रास्का-लिंकन यूनिवर्सिटी के डॉक्टरेट अल्बाब हुसैन कहते हैं, जरूरी ये नहीं है कि कितने नैनोप्लास्टिक कण हमारे पेट में पहुंच रहे हैं बल्कि यह जानना ज्यादा जरूरी है कि यह सेहत के लिए कितने घातक हैं. अध्ययनों से पता चला है कि ये कण संभावित रूप से आंत और प्रमुख जैविक प्रक्रियाओं के लिए हानिकारक हो सकते हैं. इसलिए हम जितना कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करें उतना बेहतर होगा. हालांकि इस पर विस्तृत शोध और परीक्षण की आवश्यकता है कि आखिर ये प्लास्टिक कण शरीर में जाने के बाद कितने हानिकारक हो सकते हैं. माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तनों की जगह शीशे के बर्तन इस्तेमाल किए जा सकते हैं. ये सेहत के लिए हानिकारक भी नहीं होते हैं.