आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में दावा किया है कि अश्वगंधा के सेवन से अल्जाइमर, हंटिंगटन और पार्किंसंस रोग का खतरा कम होता है. आयुष मंत्रालय द्वारा की गई इस रिसर्च में अल्जाइमर और पार्किंसंस डिजीज पर अश्वगंधा की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है. अश्वगंधा के सूजन-रोधी गुण और एंटीऑक्सीडेंट दिमाग के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं.
क्या है अश्वगंधा
अश्वगंधा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है. इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में बहुत पहले से किया जा रहा है. अश्वगंधा की पत्तियां एयर प्यूरिफायर का काम करती हैं. इसके फल में विथेनेमाइड मिलता है, जो डिमेंशिया के इलाज में इस्तेमाल होता है.
क्या है अल्जाइमर और पार्किंसंस
अल्जाइमर और पार्किंसंस दोनों ब्रेन डिसऑर्डर हैं जो मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित करते हैं और भूलने की बीमारी, भ्रम, बोलने में कठिनाई और मांसपेशियों में अकड़न, कंपकंपी और सोने में परेशानी का कारण बनते हैं.
अश्वगंधा कहां मिलती है
आयुष मंत्रालय के मुताबिक भारत दुनिया में अश्वगंधा का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. अश्वगंधा का पौधा शुष्क जलवायु में होता है. अश्वगंधा का पौधा भले ही छोटा हो लेकिन इसकी जड़ें काफी बड़ी होती हैं. राजस्थान के नागौर में अश्वगंधा सबसे ज्यादा पाया जाता है. इसे नागौरी अश्वगंधा भी कहते हैं. बड़ी और देसी अश्वगंधा की जड़ें छोटी और पतली होती हैं लेकिन इनकी झाड़ियां काफी फैली होती हैं.
अश्वगंधा के अन्य लाभ
नींद में मदद करता है.
तनाव और एंग्जाइटी को कम करता है.
सूजन को कम करता है.
सोचने-समझने की क्षमता में सुधार करता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है.
बड़ी से बड़ी खांसी का इलाज भी अश्वगंधा से किया जा सकता है. टीबी के मरीजों के लिए भी ये फायदेमंद है.
शरीर में होने वाली सूजन और रैशेज को दूर करने में भी अश्वगंधा काम आता है.
कैसे कर सकते हैं अश्वगंधा का सेवन
अश्वगंधा के रिच कंपाउंट और एंटीऑक्सिडेंट्स की वजह से आयुर्वेद में इसका उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है. यहां 3 आसान तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अश्वगंधा को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं. आप अश्वगंधा की जड़ का पाउडर ले सकते हैं और इसे दूध या गर्म पानी में मिलाकर पी सकते हैं. इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अश्वगंधा चाय आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकती है. अगर आपको सोने में परेशानी होती है तो आप सोने से पहले अश्वगंधा की चाय पी सकते हैं. बाजार में अश्वगंधा से सप्लीमेंट्स भी मौजूद हैं.
अश्वगंधा पर पहले भी हो चुकी है रिसर्च
साल 2020 से ही अश्वगंधा के प्रभाव के संबंध में 400 से अधिक सबूत आधारित रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं. 2023 में की गई एक स्टडी में भी ये दावा किया गया था कि अश्वगंधा नेचुरल तरीके से नींद लाने में मदद करता है. इस रिसर्च में 18 से 56 साल के लोगों को शामिल किया गया था. इन लोगों को जब अश्वगंधा की जड़ का सेवन करने को दिया गया तो इन लोगों में सुकून की नींद आई.