अगर कोई आपसे कोई कहे कि कभी कभी शराब पीने से कोई नुकसान नहीं होता है तो आप झट से यकीन कर लेंगे. लेकिन आपका ये सोचना नई रिसर्च के मुताबिक गलत हो सकता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में ये जानकारी समने आई है कि कभी-कभी शराब पीना भी रोज पीने जितना ही खतरनाक हो सकता है. ये आपके स्वास्थ्य को उतना ही नुकसान पहुंचाता है.
हेल्थ को नुकसान पहुंचाती है मॉडरेट ड्रिंकिंग
इस रिसर्च में लगभग पांच मिलियन एडल्ट्स के 100 से अधिक रिसर्च का विश्लेषण किया गया. अध्ययन का उद्देश्य उन रिपोर्ट्स पर गौर करना था, जिनमें कहा जा रहा था कि कम शराब पीने वालों में मौत की संभावना उन लोगों से कम थी जो कि रोजाना पीते हैं. लेकिन हाल ही में हुई रिसर्च ये दावा करती है कि जो लोग सप्ताह में तीन-चार बार, एक या दो पेग शराब पीते हैं, उनकी हेल्थ को भी उतना ही खतरा होता है.
कम पीने वालों को भी होती हैं बीमारियां
शोधकर्ता बताते हैं कि पुराने अध्ययन यह पहचानने में विफल रहे कि हल्के और मध्यम शराब पीने वालों में कई अन्य स्वस्थ आदतें और फायदे थे. नई रिसर्च में पाया गया है कि कम शराब पीने वालों को भी ब्रेस्ट कैंसर, सिर और गर्दन की समस्याएं, हाई ब्लड प्रेशर और दिल से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं जिसे एट्रियल फाइब्रिलेशन कहा जाता है.
ऐसे की गई रिसर्च
जामा नेटवर्क ओपन में पिछले हफ्ते पब्लिश एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर महिलाएं हरदिन 25 ग्राम शराब का सेवन करती हैं. तो भी समय से पहले मौत का जोखिम बढ़ जाता है. जबकि, पुरुषों में एक दिन में 45 ग्राम अल्कोहल लेने से भी जोखिम बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि 300 एमएल बीयर, 140 एमएल वाइन या 40 एमएल हार्ड लिकर रोज पीने वाले भी खतरे के शिकार हो सकते हैं. रिसर्च का निष्कर्ष ये रहा कि मॉडरेट तरीके से शराब का सेवन करने वाले लोगों में भी हेल्थ की समस्याएं देखने को मिलीं. हालांकि पुरुषों में मॉडरेट शराब के सेवन का किस हद तक बुरा असर पड़ता है, इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका.
शराब से होने की मौतों का आंकड़ा बढ़ा
शराब पीने से मुंह, नाक, गले, पेट, लीवर और ब्रेस्ट के कैंसर का खतरा बढ़ता है. दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों में 4 से 30 फीसदी मौतें शराब के सेवन के कारण होती हैं. इसके अलावा शराब पीने से डिप्रेशन, बैचेनी, पेनक्रियाटाइटिस, सुसाइडल टेंडेंसी और एक्सीडेंट जैसे मामले सामने आते हैं. साल 2019 में हुई एक रिसर्च बताती है कि भारत में करीब 5.7 करोड़ ऐसे हैं, जो नियमित रूप से शराब पीते ही हैं.