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Moderna Cancer Vaccine : मॉर्डना की कैंसर वैक्सीन का ट्रायल शुरू, 81 साल के मरीज को दी गई पहली खुराक

ब्रिटेन में कैंसर वैक्सीन का फ्री ट्रायल शुरू हो चुका है. इसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के शरीर में कैंसर कोशिकाओं की पहचान करना और उनसे लड़ने की क्षमता प्रदान करना है. अभी इसका क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है जिसके तहत एक 81 साल के मरीज को इसकी पहली खुराक दी गई.

Vaccine Vaccine

यूनाइटेड किंगडम में कैंसर वैक्सीन का फ्री ट्रायल शुरू हो गया है. इस मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के शरीर में कैंसर कोशिकाओं की पहचान करना और उनसे मुकाबला करने के लिए उसे सक्षम बनाना है. mRNA-4359 नाम की इस प्रायोगिक एमआरएनए थेरेपी के पहले प्राप्तकर्ता इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर एनएचएस ट्रस्ट के मरीज हैं, जो स्टेज 1/2 क्लीनिकल टेस्ट में हिस्सा ले रहे हैं. इंपीरियल कॉलेज की वेबसाइट के अनुसार, फार्मास्युटिकल कंपनी मॉडर्ना अध्ययन में मेलेनोमा, फेफड़ों के कैंसर और किसी अन्य ठोस ट्यूमर कैंसर के इलाज में थेरेपी की सुरक्षा और संभावित प्रभाव का आंकलन करेगी.

पहले चरण में ध्यान mRNA थेरेपी की सुरक्षा और सहनशीलता के मूल्यांकन पर होगा. इसका अकेले या मौजूदा कैंसर की दवा पेम्ब्रोलिजुमाब के साथ ट्रायल हो सकता है.शोधकर्ता पता लगा रहे हैं कि ये संयोजन फेफड़ों और त्वचा कैंसर के रोगियों में ट्यूमर को कम कर सकता है या नहीं.

क्या है काम?
यह उपचार प्रणाली रोगी के इम्यून सिस्टम में सामान्य ट्यूमर मार्कर पेश करने के लिए मैसेंजर आरएनए (mRNA) का उपयोग करता है. इसका लक्ष्य इम्यून सिस्टम को इस प्रकार से ट्रेन करना है कि वो इन कैंसर कोशिकाओं को पहचान कर उनका मुकाबला कर सके. इसका काम संभावित रूप से उन कोशिकाओं को नष्ट करना है जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को दबा सकते हैं. मॉडर्ना-यूके स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के सहयोग से आयोजित इंपीरियल कॉलेज का परीक्षण, यूके में एमआरएनए वैक्सीन निर्माण लाने और भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए तैयारियों को बढ़ाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है.

किसे लगी थी पहली खुराक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Surrey के 81 वर्षीय एक व्यक्ति को mRNA-4359 नामक वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है. वह पिछले अक्टूबर से त्वचा कैंसर से पीड़ित है. जब उन्हे दूसरे उपचारों से कोई सफलता नहीं मिली तो उन्होंने ट्रायल में भाग लेने का निर्णय लिया. स्वास्थ्य सचिव विक्टोरिया एटकिन्स ने बताया कि वैक्सीन में अधिक लोगों की जान बचाने की क्षमता है. इसके साथ ही यह इस भयानक बीमारी का इलाज करने वाले अधिक प्रभावी और कम विषाक्त उपचारों में भी क्रांति लाती है.

यूके सरकार ने कैंसर के लिए एमआरएनए-आधारित इम्यूनोथेरेपी के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए कई दवा कंपनियों के साथ सहयोग किया है. ऐसे कई उपचार वर्तमान में क्लीनिकल टेस्टिंग के प्रारंभिक चरण में हैं जहां उनके एक्शन,प्रोटेक्शन और प्रारंभिक गतिविधि का आकलन किया जा रहा है.