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बच्चों की वैक्सीन को लेकर एक और खुशखबरी! Moderna ने कहा- 'कम मात्रा में दी गई वैक्सीन कारगर'

अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना (Moderna)ने बच्चों की वैक्सीन को लेकर एक और अच्छी खबर दी. मॉडर्ना ने सोमवार को कहा कि उसकी कोविड -19 वैक्सीन की खुराक अगर कम मात्रा में दी जाए तो वह सुरक्षित है और ये 6 से 11 साल तक के बच्चों के लिए काम करेगी.

Moderna says its low-dose vaccine shot works for kids 6 to 11 Moderna says its low-dose vaccine shot works for kids 6 to 11
हाइलाइट्स
  • बच्चों में पाए गए वयस्कों जैसे साइड इफेक्ट

  • कम मात्रा में अधिक कारगर

  • फाइजर जल्द शुरू करेगा टीकाकरण

कोरोना वायरस महामारी से बचाव के खिलाफ देशभर  में अभियान जारी है. इसके खिलाफ लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाना है. भारत इस जंग में 100 करोड़ वैक्सीन के भी आगे निकल चुका है और आगे भी कोरोना के खिलाफ जंग ऐसे ही जारी रहेगी. बड़ो के साथ-साथ अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध कराना का प्रयास जारी है. दुनियाभर में इस पर ट्रायल जारी है.

कम मात्रा में अधिक कारगर
वहीं अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना (Moderna)ने बच्चों की वैक्सीन को लेकर एक और अच्छी खबर दी. मॉडर्ना ने सोमवार को कहा कि उसकी कोविड -19 वैक्सीन की खुराक अगर कम मात्रा में दी जाए तो वह सुरक्षित है और ये 6 से 11 साल तक के बच्चों के लिए काम करेगी. निर्माता कंपनी बच्चों के लिए वैक्सीन शॉट्स लाने के विस्तार पर विचार कर रही है.

इसी सीरीज में दूसरी प्रतिस्पर्धाी कंपनी फाइजर के बनाए टीके बच्चों पर उपयोग के लिए अग्रसर हैं. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) इसी आयु वर्ग के बच्चों के लिए वैक्सीन का मूल्यांकन कर रहा है, जिसमें 5 साल की उम्र तक के बच्चों को कवर किया जाएगा. इस वैक्सीन का टीका पहले से ही 12 या उससे अधिक उम्र के किसी व्यक्ति के लिए अधिकृत है.

प्रयोग पर अध्ययन जारी

मॉडर्ना को टीनएजर्स पर टीके के इस्तेमाल की अनुमति अभी नहीं मिली है. हालांकि वह कम मात्रा में छोटे बच्चों पर इसके प्रयोग पर अध्ययन कर रही है.  शोधकर्ताओं ने 6 से 11 साल के बच्चों पर एक महीने के अंदर इसके दो शॉट्स का परीक्षण किया, जिसकी मात्रा वयस्कों को दी जाने वाली खुराक से आधी थी. 

बच्चों में पाए गए वयस्कों जैसे साइड इफेक्ट
मॉडर्ना ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि प्रारंभिक परिणामों में पाया गया कि टीकाकरण वाले बच्चों में वायरस से लड़ने के लिए उतनी एंटीबॉडी बनीं, जो युवाओं में फुल स्ट्रेंथ वाले शॉट्स के बाद पैदा होती है. अध्ययन में 6 से 11 वर्ष की आयु तक के 4,753 बच्चों को शामिल किया गया, जिन्हें या तो टीका या डमी शॉट दिया गया था. मॉडर्ना ने कहा कि वयस्कों की तरह ही टीकाकरण वाले युवाओं में इंजेक्शन के साइड इफेक्ट के तौर पर थकान, सिरदर्द और बुखार जैसे अस्थायी दुष्प्रभाव देखे गए. यह अध्ययन किसी भी दुर्लभ साइड इफेक्ट को खोजने के लिए बहुत छोटा था क्योंकि कभी-कभी मॉडर्ना या फाइजर जैसे टीके के बाद युवा पुरुषों में दिल से संबंधित कुछ समस्याओं को देखा गया.

जल्द जारी करेगी डेटा
मॉडर्ना ने कहा कि वह जल्द ही एफडीए और वैश्विक नियामकों को अपना पीडियाट्रिक डेटा (बाल चिकित्सा) जमा करने की योजना बना रही है. एफडीए ने अभी तक कंपनी के आवेदन पर 12 से 17 साल के बच्चों के लिए अपने टीकाकरण का विस्तार करने का फैसला नहीं किया है. हालांकि कुछ देशों ने किशोरों के लिए मॉडर्न के शॉट्स को मंजूरी दे दी है.

फाइजर जल्द शुरू करेगा टीकाकरण
उम्मीद है कि फाइजर से मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका बहुत जल्द 12 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण शुरू कर देगा. इसमें 5 से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर और बायोएनटेक  (Pfizer and BioNTech) वैक्सीन की छोटी खुराक को मंजूरी मिल सकती है. फाइजर ने पिछले हफ्ते बताया था कि उनकी वैक्सीन की थोड़ी खुराक कम आयु वर्ग के बच्चों पर कोरोना से बचाव में 91 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है. यहां तक ​​​​कि यह अतिरिक्त-संक्रामक डेल्टा वेरिएंट पर भी उतनी ही कारगर है, जो काफी तेजी से फैल रहा है. 

एफडीए के सलाहकार मंगलवार को एक सार्वजनिक बैठक में फाइजर के साक्ष्य पर विचार करेंगे. अगर एजेंसी फाइजर के शॉट्स को बच्चों पर इस्तेमाल के लिए अधिकृत करती है, तो रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र अगले सप्ताह यह सिफारिश करने के लिए तैयार है कि इसे कौन-कौन प्राप्त करेगा.