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Monkeypox के मरीजों में पाए गए नए लक्षण, जानिए इस बीमारी से बचने के लिए किन बातों का रखना है ख्याल

Monkeypox New Symptoms: मंकीपॉक्स (Monkeypox) भारत अमेरिका ब्रिटेन यूरोप समेत 78 देशों में जिस तेजी से फ़ैल रहा है यह चिंताजनक है. अब तक 18 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में कोरोना महामारी के बीच मंकीपॉक्स से भी खुद को बचाए रखना लोगों के लिए जरूरी हो गया है.

Monkeypox New Symptoms Monkeypox New Symptoms
हाइलाइट्स
  • दुनिया के 78 देशों में फैल चुका है मंकीपॉक्स

  • भारत में अब तक हैं 4 मामले

कोरोना अभी थमा नहीं है कि मंकीपॉक्स के नए मामले पूरे विश्व को डराने लगा है. भारत में भी इस बीमारी के नए केस लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में खुद का बचाव करना बेहद जरूरी हो जाता है. लेकिन मंकीपॉक्स के सही लक्षण क्या हैं यह जानने के बाद ही खुद को सेफ रखा जा सकता है. हाल ही में किए गए स्टडी में यह बात सामने आई है कि अफ़्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के जो पुराने मरीज थे उनमें इस बीमारी के लक्षण कुछ और थे लेकिन अब जो नए केस सामने आ रहे हैं उसमें लक्षण काफी अलग है. चलिए जानते हैं कि मंकीपॉक्स के नए मरीजों को किस तरह की परेशानी हो रही है और उनमें लक्षण क्या है. 

197 लोगों पर की गई स्टडी

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार लंदन में मंकीपॉक्स से संक्रमित 197 लोगों पर स्टडी की गई. इसमें से 196 लोग गे, बाइसेक्सुअल या वो लोग थे जिन्होंने पुरुष के साथ सेक्सुअल संबंध बनाए थे. स्टडी में कहा गया कि 2007 से 2011 के बीच डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और 2017 से 2018 के बीच नाइजीरिया में जो मंकीपॉक्स के मरीज सामने आए थे उनमें लक्षण अलग थे. लेकिन अब जो मरीज सामने आ रहे हैं उनमें मलाशय में दर्द और लिंग में सूजन देखी जा रही है. 

क्या है सामान्य लक्षण

मंकीपॉक्स के अगर सामान्य लक्षण की बात करें तो बुखार आना, गले में खराश और खांसी आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट महसूस होना शामिल है. इसके अलावा शरीर के किसी भी हिस्से में या पूरे हिस्से में चकत्ते पड़ना. शरीर में गांठ हो जाना भी मंकीपॉक्स के लक्षण में आता है. ऐसे में संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना जरुरी हो जाता है. क्योंकि यह एक मरीज से दूसरे मरीज में फैलता है. इसलिए संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क न बनाएं और न ही किसी प्रकार की सेक्सुअल एक्टिविटी करें.

पहली बार 1970 में हुई थी मंकीपॉक्स की पहचान 

मंकीपॉक्स की पहचान पहली बार 1970 में कांगो में हुई थी. लेकिन 50 सालों के बाद अफ्रीकी देशों के बाहर इस वायरल बीमारी के मामले सामने आए हैं. अफ्रीका के देशों में मंकिपॉक्स एंडेमिक है यानी कभी खत्म नहीं होने वाली बीमारी।.लेकिन अब जिस तरह से अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और भारत समेत अन्य देशों में यह फैला है यह सबके लिए चौकाने वाला है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने बुधवार को कहा कि मंकीपॉक्स को रोका जा सकता है लेकिन इसके लिए जागरूकता बेहद जरूरी है. उन्होंने आगे कहा कि पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुष सेक्सुअल एक्टिविटी या तो कम करें या न करें.