मंकीपॉक्स (Monkeypox) की जांच अब आसानी से की जा सकेगी. शुक्रवार को देश की पहली स्वदेशी आरटी पीसीआर किट आंध्र प्रदेश के मेडटेक जोन (Andhra Pradesh Medtech Zone) में लॉन्च कर दी गई है. इस किट की मदद से संक्रमण का पता जल्दी लगाया जा सकेगा. बता दें, ट्रांसएशिया (Transasia-Erba) बायोमेडिकल्स द्वारा विकसित इस किट की लॉन्चिंग केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद ने की.
आसानी से पता लगेगा संक्रमण का
इस किट की अगर खूबियों की बात करें, तो ट्रांसएशिया-एर्बा मंकीपॉक्स आरटी-पीसीआर किट अत्यधिक संवेदनशील यानि सेंसिटिव है. इसकी एक्यूरेसी काफी अच्छी है जिसकी मदद से जांच के साथ उपयोग में लोगों को काफी सहूलियत होगी. ट्रांसएशिया के फाउंडर सुरेश वजीरानी ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि इस किट की मदद से मंकीपॉक्स के संक्रमण का जल्दी पता लगाया जा सकेगा.
डब्लूएचओ ने किया है इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित
बता दें, कुछ समय पहले ही मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया था. अगर इस बीमारी के बारे में बात करें, तो डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है, यानि ये एक तरह का ऐसा वायरस है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है. इसके लक्षण ठीक चेचक के जैसे होते हैं.
आईसीएमआर कर सकता है सीरो सर्वे
बताते चलें कि हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा था कि वह मंकीपॉक्स के रोगियों के संपर्कों के बीच एंटीबॉडी की जांच करने के लिए एक सीरो-सर्वे कर सकती है. इसके अलावा इसमें यह भी जांच की जाएगी कि उन सभी रोगियों में से कितने एसिम्पटोमैटिक थे.
गौरतलब है कि मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ प्रकट होता है. यह बीमारी आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ होती है. केंद्र द्वारा जारी 'मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' में कहा गया है कि इसमें इंसान से इंसान के बीच संक्रमण श्वसन बूंदों के माध्यम से होता है.