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Monkeypox Update: मंकीपॉक्स की वैक्सीन से हो सकता है गर्भवती महिलाओं को खतरा, जानें कैसे कर सकती हैं बचाव

देश में अबतक 9 मंकीपॉक्स (Monkeypox)के मामले सामने आ चुके हैं. इसके बीच यह पता चला है कि अगर गर्भवती महिलाएं वैक्सीन लगवाती हैं तो उससे उनके बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है.

गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है मंकीपॉक्स की वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है मंकीपॉक्स की वैक्सीन
हाइलाइट्स
  • देश भर में सामने आ चुके हैं मंकीपॉक्स के 9 मामले

एक तरफ जहां देश में कोरोना के मामले कम नहीं हो रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ अब मंकीपॉक्स के मामले भी हर दिन सामने आने लगे हैं. देश भर में मंकीपॉक्स के लगभग 9 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से चार देश की राजधानी दिल्ली से हैं और पांच केरल से सामने आए हैं. इसको देखते हुए सरकार ने कई गाइडलाइन भी जारी की है.

तेलंगाना में स्थित अपोलो अस्पताल के डॉ अवश्य पाणि, जोकि कंसलटेंट पेडियाट्रिशन हैं उन्होंने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि मेडिकल एक्सपेरस्ट और डॉक्टरों के अनुसार गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मंकीपॉक्स से बचना काफी जरूरी है, क्योंकि उन्हें वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि शारीरिक संपर्क और परिवार में दूसरे सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली वस्तुओं को छूने से बचना काफी हद तक आपको इस वायरस से बचा सकता है.

शहरी इलाकों में ही हैं मैटरनिटी हॉस्पिटल 

वो आगे बताते हैं कि तेलंगाना में सभी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के लिए सभी आवश्यक उपकरणों के साथ तैयार करने की जरूरत है. तेलंगाना राज्य में संक्रमित गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए जितने भी मैटरनिटी हॉस्पिटल या देखभाल केंद्र  है, वो ज्यादातर राज्य के शहरी हिस्सों में स्थित है.

क्यों नहीं लगा सकती गर्भवती महिलाएं वैक्सीन

ध्यान देने वाली बात यह है कि मंकीपॉक्स की वैक्सीन अभी तक भारत में उपलब्ध नहीं है. अमेरिका ने मंकीपॉक्स से बचाव करने वाली राज्य में दो वैक्सीन जारी की हैं, जिसको अमेरिका की फ़ूड एंड ड्रग अथॉरिटी से वैक्सीन लगाने की मंजूरी और लाइसेंस मिल चुका है. 

अगर गर्भवती महिलाएं वैक्सीन लगवाती हैं तो उससे उनके बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है. इसी के साथ जो मां अपने बच्चों को अपना दूध पिलाती हैं तो उससे नवजात शिशु मां के दूध से भी इस बीमारी से संक्रमित हो सकता है. उन्होंने बताया कि प्रेग्नेंट महिलाओं को मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज की मदद से इलाज करना चाहिए. 

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