जल्द ही बारिश का मौसम दस्तक देने वाला है और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी. मौसम के बदलते ही बहुत सी चीजें बदल जाती हैं जैसे मौसमी फल-सब्जियां, फैशन और मौसमी बीमारियां भी. बीमारियों के बारे में किसी को नहीं भूलना चाहिए. शहरों में दिन से रात तक बारिश होने से जलभराव होना तय है. गंदे पानी के ठहरने या इकट्ठा होने से जल जनित रोगों (Water borne disease) के फैलने की संभावना ज्यादा होती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 80 प्रतिशत रोग संभवतः जलजनित हैं. गंदे और दूषित पानी के जरिए ये रोग इंसानों में फैलते हैं. कई दिनों तक जमा हुआ पानी विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और कवक के लिए एक प्रजनन स्थल है जो संक्रमण का कारण बनता है.
सामान्य जल जनित रोग
ऐसे करें अपना बचाव:
नल के पानी से बचें: सार्वजनिक स्थानों पर नल का पानी बहुत होता है. गंदे पानी के जोखिम को कम करने के लिए सीधे नल के पानी का उपयोग करने से भी बचना चाहिए.
हाथों की स्वच्छता: हाथों की उचित स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है. खाने से पहले, बाहर से घर आने के बाद, वॉशरूम आदि का इस्तेमाल करके हाथ धोएं.
अपने फल और सब्जियां धोएं: बहुत से लोग खुले ठेले वालों से सब्जियां खरीदते हैं, इसलिए पूरी संभावना है कि वे बारिश के पानी में भीग जाएं. इसलिए जरूरी है कि फलों और सब्जियों को खाने से पहले धो लें. फल-सब्जियों को खाने से पहले धोना एक अच्छी प्रैक्टिस है.
स्वच्छ परिवेश: अपने आस-पास स्वच्छ और हरा-भरा वातावरण बनाकर रखें. मच्छरों का प्रजनन सबसे ज्यादा कई दिनों तक जमा हुए पानी में होता है इसलिए कोशिश करें कि आपके इलाके में कहीं पानी जमा न हुआ हो.
पूरे कपड़े पहनें: कीड़े के काटने से बचने के लिए अपने शरीर को ढक कर रखने की कोशिश करें. साथ ही मलेरिया और डेंगू से बचने के लिए मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें.
जलभराव से दूर रहें: जलभराव वाले स्थानों के पास जाने से बचें क्योंकि इससे स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. बरसात में अगर बाहर गए हैं तो घर आने के बाद हमेशा अपने पैर धोएं.
ओवरफ्लो सीवेज सिस्टम, खराब जल आपूर्ति और अपर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं जलजनित रोगों के रिस्क को बढ़ाती हैं. इसलिए, इन तरीकों का पालन करना और जल जनित रोगों में से किसी के लक्षणों के मामलों में डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है.