
मुंबई के केईएम अस्पताल (KEM Hospital) ने एक ऐसा चमत्कारी ऑपरेशन कर दिखाया, जिसे अब तक लगभग नामुमकिन माना जाता था. 71 वर्षीय इंदु राउत, जिनका पहले दो बार ओपन-हार्ट सर्जरी हो चुकी थी और जिनका वजन मात्र 33 किलोग्राम था, को डॉक्टरों ने बिना किसी सर्जिकल कट और बिना जनरल एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) के सफलतापूर्वक नया जीवन दिया.
कैसे हुआ ऑपरेशन?
बारामती की रहने वाली इंदु राउत के हृदय का माइट्रल वॉल्व (Mitral Valve) डैमेज हो चुका था. 2014 में सर्जरी कर उनका वॉल्व बदला गया था, लेकिन दो साल पहले यह फिर से लीक होने लगा. डॉक्टरों के अनुसार, उम्र और शारीरिक स्थिति को देखते हुए ओपन-हार्ट सर्जरी करना उनके लिए बहुत जोखिम भरा था. ऐसे में केईएम अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञों ने एक नई तकनीक अपनाई और बिना किसी चीरे के उनके दिल में नया वॉल्व फिट कर दिया.
ऑपरेशन के दौरान आई चुनौतियां
डॉक्टरों ने इस ऑपरेशन के लिए पैर की धमनी के जरिए (Transcatheter Mitral Valve-in-Valve Replacement) नए वॉल्व को पुराने वॉल्व में ही फिट किया. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि इंदु राउत के पिछले मेडिकल रिकॉर्ड खो चुके थे, जिससे सही वॉल्व का आकार तय करना मुश्किल हो गया. उनके फेफड़े काम करना बंद कर चुके थे, जिससे ऑपरेशन के दौरान उन्हें ऑक्सीजन देना मुश्किल हो रहा था. माइट्रल वॉल्व को सुधारने के लिए इस्तेमाल होने वाली अल्ट्रासाउंड तकनीक (Transesophageal Echocardiogram) भी नहीं की जा सकी, जिससे डॉक्टरों को ‘अंधेरे में ऑपरेशन’ करना पड़ा.
भावुक हुए बेटे-बेटी
इंदु राउत का परिवार इस ऑपरेशन के सफल होने के बाद बेहद भावुक हो गया. उनकी बेटी विजया शेलार अपने आंसू रोक नहीं पाईं और कहा कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. श्याम राउत (बेटे) ने कहा, "जब डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा, तो हमें पहले आधे घंटे तक यकीन नहीं हुआ. लेकिन जब सच्चाई पता चली, तो मैंने डॉक्टरों के पैर छूकर आभार जताया."
कम खर्च में हुआ जीवनरक्षक ऑपरेशन
इंदु राउत की सर्जरी सिर्फ जीवन बचाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी बड़ी राहत साबित हुई. निजी अस्पतालों में इस तरह की न्यूनतम इनवेसिव वॉल्व रिप्लेसमेंट (Minimally Invasive Valve Replacement) सर्जरी की कीमत 20 लाख रुपये तक होती है. लेकिन केईएम अस्पताल जैसे सरकारी संस्थान सिर्फ वॉल्व और अन्य जरूरी मेडिकल उपकरणों का ही चार्ज लेते हैं, जिससे यह ऑपरेशन आधी कीमत में हो गया.
"लगभग अंधेरे में किया ऑपरेशन"
केईएम अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रेयस रावत, डॉ. गिरीश सबनीस और डॉ. चरण लांजेवार की टीम ने यह ऑपरेशन किया. डॉ. अजय महाजन (कार्डियोलॉजी प्रमुख) ने कहा, "ऑपरेशन के दौरान प्रभावित हार्ट चैंबर कक्ष में दबाव बहुत ज्यादा था और उनके फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था. इससे हम ट्रांसोफैजियल इकोकार्डियोग्राम (TEE) का इस्तेमाल नहीं कर पाए. हमें माइट्रल वॉल्व को अंधेरे में ठीक करना पड़ा."
होली फैमिली हॉस्पिटल, बांद्रा के डॉ. ब्रायन पिंटो ने भी इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा कि "बिना TEE के माइट्रल वॉल्व रिपेयर करना असामान्य है, लेकिन केईएम के डॉक्टरों ने इसे असंभव से संभव कर दिखाया. यह नई तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है."
बता दें, 71 साल की इंदु राउत अब स्वस्थ हैं और उन्हें एक नया जीवन मिला है. डॉक्टरों का कहना है कि जल्द ही वह पूरी तरह सामान्य जीवन जी सकेंगी.
(दीपेश त्रिपाठी की रिपोर्ट)