कहते हैं जिंदगी का कोई भरोसा नहीं. इसलिए जिंदगी ऐसे जीनी चाहिए कि हर पल किसी के काम आ सको ताकि दुनिया से जाने के बाद भी लोग आपको दुआ दें. वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो ऑर्गन डोनेशन के जरिए जिंदगी के बाद भी दूसरों को जिंदगी दे जाते हैं. इसलिए सबको अंगदान करना चाहिए.
मुंबई के एक बुजुर्ग दंपत्ति लोगों को ऑर्गन डोनेट करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि पूरे भारत का भ्रमण कर 80 हजार लोगों को ऑर्गन डोनेट करने की मुहिम से जोड़ा जाए. इस जोड़े ने दिसम्बर 2021 से अपनी यात्रा शुरू की थी और उनकी यात्रा 30 अप्रैल को खत्म होगी.
यह कहानी है 66 वर्षीय भाल शेखर छिलाना और उनकी 61 वर्षीया पत्नी नमिता की. फिलहाल यह दंपत्ति अंबाला में लोगों को ऑर्गन डोनेट करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
बेटी को नहीं मिली थी किडनी:
भाल शेखर छिलाना ने बताया कि वे अपनी कार से ही सफर कर रहे हैं और जगह-जगह लोगों तक पहुंचते हैं. उनके इस अभियान के पीछे का कारण उनका अपना दर्द है. उनका कहना है कि उनकी बेटी को किडनी की जरूरत थी लेकिन उसे किडनी नहीं मिल सकी. वह अपनी बेटी की मदद नहीं कर पाए.
उन्होंने लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की ठानी. ताकि भविष्य में किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े. अब तक उन्होंने 16 हजार लोगों को अंगदान से जोड़ा है. बहुत से लोगों को जागरूक भी किया है. आपको बता दें कि हर दिन 17 लोग ऑर्गन डोनर न मिलने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं.
जबकि एक ऑर्गन डोनर 8 जिंदगियां बचा सकता है. भारत में बहुत कम लोग ऑर्गन डोनेट करते हैं.
(कमलप्रीत सबरवाल की रिपोर्ट)