एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी में रहने वालों के लिए अच्छी खबर है. कोरोना की तीसरी लहर के दौरान 39 दिनों के बाद यहां कोविड का कोई केस नहीं मिला है. कुछ दिनों पहले यहां कोरोना के केस तेजी से मिल रहे थे. कोरोना के मामले धीरे-धीरे कम हुए और करीब डेढ़ महीने बाद यहां कोरोना का कोई केस नहीं मिला. इस इलाके में रहने वालों के लिए यह राहत भरी खबर है.
पहली और दूसरी लहर में भी सबसे अधिक लोग हुए थे संक्रमित
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान मुंबई में सबसे ज्यादा लोग धारावी में ही संक्रमित हुए थे. पहली और दूसरी लहर के साथ-साथ तीसरी लहर का भी खतरा यहां काफी ज्यादा था. मुंबई में कोरोना को लेकर काफी कड़े नियम लागू किए गए थे लेकिन यहां लोग कोविड नियमों का पालन नहीं करते हुए दिख रहे थे. यही वजह है कि इस इलाके में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे थे. तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के चलते प्रशासन और सरकार के हाथ पांव भी फूल रहे थे. इस इलाके में केस कम होने के बाद प्रशासन ने भी थोड़ी राहत की सांस ली है.
धारावी में चलाया गया विशेष अभियान
एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी में 15 लाख से अधिक आबादी रहती है. भारी आबादी को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार भी अलग-अलग तरीके से यहां के लोगों को संक्रमण से बचाने की कोशिश कर रही थी. इन इलाकों में विशेष अभियान चलाया गया. लोगों को जागरुक किया गया. साथ ही भारी तादाद में लोगों की कोविड टेस्टिंग हुई ताकि संक्रमितों की पहचान कर उन्हें अलग किया जा सके और बाकी लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सके.
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के दस्तक के बाद मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर 27 दिसंबर के आसपास शुरू हुई. तब से लेकर धारावी में 28 जनवरी तक 1,381 मामले दर्ज किए गए थे. 7 जनवरी को एक दिन में अधिकतम 150 केस दर्ज किए गए थे. इस इलाके में अभी भी काफी टेस्टिंग की जा रही है ताकि यहां हालात नहीं बिगड़े और सबकुछ कंट्रोल में रहे.