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Breast Cancer से होने वाली मौतों और दोबारा से इसके होने का खतरा होगा कम! मुंबई के डॉक्टरों ने लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल कर निकाला नया मेथड

मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर में डॉक्टरों ने ब्रेस्ट कैंसर को लेकर एक रिसर्च की है. इसमें लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया गया. इस रिसर्च में 1,600 ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को शामिल किया गया था. लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल इसमें एक एंटी कैंसर एजेंट के रूप में किया गया था. बाद में सामने आया कि लोकल एनेस्थीसिया के इस्तेमाल से कैंसर से होने वाली मृत्यु और दोबारा से इसके होने के खतरे को कम किया जा सकता है.

लोकल एनेस्थीसिया लोकल एनेस्थीसिया
हाइलाइट्स
  • एंटी कैंसर एजेंट के रूप में काम करता है लोकल एनेस्थीसिया

  • रिसर्च में 1,600 ब्रेस्ट कैंसर के मरीज शामिल थे

भारत में हर साल करीब 1,50,000 नए ब्रेस्ट कैंसर के मामले आते हैं. इनमें से 90 हजार से 1 लाख मामले ऐसे होते हैं जिसमें सर्जरी की जरूरत होती है. अब इसी कड़ी में मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर (TMC) में डॉक्टरों ने ब्रेस्ट कैंसर पर रिसर्च की है. करीब एक दशक लंबे अध्ययन से पता चला है कि लोकल एनेस्थीसिया (Local Anaesthesia Injection) के इस्तेमाल से ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मृत्यु के जोखिम और दोबारा से इसके होने के चांस कम हो जाते हैं.

एंटी कैंसर एजेंट के रूप में काम करता है लोकल एनेस्थीसिया

दरअसल, भारत भर के 11 कैंसर सेंटर में जांचकर्ताओं ने ये रिसर्च की है. इसमें पाया गया कि ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी से ठीक पहले एक लोकल एनेस्थीसिया (0.5% लिडोकेन) को कैंसर विरोधी एजेंट (Anti-Cancer Agent) के रूप में उपयोग करने से मृत्यु का जोखिम 29% तक कम हो जाता है. इसके साथ, दोबारा से इस कैंसर को होने के चांस भी 30% तक कम हो जाते हैं.

बता दें, इस रिसर्च में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला लोकल एनेस्थीसिया जिसे लिडोकेन कहा जाता है को सर्जरी से कुछ मिनट पहले ट्यूमर के आसपास इंजेक्ट किया गया था.

इसलिए किया गया लोकल एनेस्थीसिया इंजेक्शन का इस्तेमाल

आमतौर पर हम लोकल एनेस्थीसिया इंजेक्शन का इस्तेमाल दर्द को सुन्न करने के लिए करते हैं. हालांकि इस रिसर्च में इसे एंटी कैंसर एजेंट के रूप में इस्तेमाल किया गया. टाटा मेमोरियल सेंटर के डायरेक्टर डॉ राजेंद्र बडवे ने कहा कि उन्होंने सर्जरी से पहले इसके एंटी कैंसर गुणों के लिए लोकल एनेस्थीसिया इंजेक्शन का इस्तेमाल किया, न कि दर्द को सुन्न करने के लिए.

कैसे की गई रिसर्च?

आपको बताते चलें कि रिसर्च में 1,600 ब्रेस्ट कैंसर के मरीज शामिल थे. इनकी उम्र 30 से 70 साल तक की थी. डायरेक्टर डॉ राजेंद्र बडवे कहते हैं, “जो रोगी जनरल एनेस्थीसिया पर हैं, को सर्जरी के लिए ले जाने से कुछ मिनट पहले, इस लोकल एनेस्थीसिया को इंजेक्ट किया जाता है. सर्जरी के साथ आगे बढ़ने से पहले सर्जन पांच से छह मिनट तक इंतजार करता है. लोकल एनेस्थीसिया ट्यूमर को कम सेंसिटिव बनाता है. आसान शब्दों में समझें तो ये ट्यूमर को सोने में मदद करता है ताकि कैंसर सेल्स एक दूसरे के साथ संवाद न कर पाएं, जिससे दोबारा से कैंसर होने और दूसरे भागों में इसके फैलने का खतरा कम हो जाता है.”

रिसर्च टीम का हिस्सा रहे डॉ सुदीप गुप्ता ने कहा, “इससे ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकेगी. ऑपरेशन टेबल पर इस नॉर्मल इंटरवेंशन के साथ, हम अधिक लोगों की जान बचा सकते हैं और साथ ही साथ वापस से कैंसर होने की संभावना को कम कर सकते हैं.