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National Medical Commission New Rules: बदतमीजी या हिंसा करने वाले मरीजों का इलाज करने से मना कर सकते हैं डॉक्टर, जारी की गईं नई गाइडलाइंस

देश के चिकित्सा शिक्षा नियामक, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने अपने प्रोफेशनल कंडक्ट रेगुलेशन में कहा है कि डॉक्टर दुर्व्यवहार करने वाले और हिंसक रोगियों या उनके रिश्तेदारों के मामले में इलाज से इनकार कर सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि उन्हें इलाज मिल जाए.

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हाइलाइट्स
  • हिंसा के खिलाफ डॉक्टर का अधिकार 

  • मेडिकल केस चुनने के लिए स्वतंत्र

डॉक्टरों के खिलाफ होने वाली हिंसा की  घटनाओं को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, नेशनल मेडिकल कमीशन रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (RMP) (प्रोफेशनल कंडक्ट) रेगुलेशन, 2023 की ऑफिशियल नोटिफिकेशन में कहा गया है कि डॉक्टर अब दुर्व्यवहार करने वाले, असभ्य और हिंसा करने वाले मरीजों या रिश्तेदारों का इलाज करने से इनकार कर सकते हैं. 

हिंसा के खिलाफ डॉक्टर का अधिकार 
मरीजों के प्रति आरएमपी के कर्तव्यों के तहत नोटिफिकेशन में कहा गया है कि रोगी की देखभाल करने वाला आरएमपी अपने काम के लिए पूरी तरह से जवाबदेह होगा और उचित फीस का हकदार होगा. अपमानजनक, अनियंत्रित और हिंसक रोगियों या रिश्तेदारों के मामले में, आरएमपी उनके व्यवहार के बारे में लिख सकता है और रिपोर्ट कर सकता है और रोगी का इलाज करने से इनकार कर सकता है. ऐसे मरीजों को आगे के इलाज के लिए कहीं और रेफर किया जाना चाहिए. 

ये नए नियम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के मेडिकल एथिक्स कोड 2002 को रिप्लेस करेंगे. यह पहली बार है जब डॉक्टरों को अनियंत्रित और हिंसक मरीजों का इलाज करने से इनकार करने का अधिकार होगा. इस कदम का उद्देश्य डॉक्टरों के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकना है. 

मेडिकल केस चुनने के लिए स्वतंत्र
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि आरएमपी यह चुनने के लिए स्वतंत्र है कि वह किसे सेवा देगा. हालांकि, जानलेवा इमरजेंसी के मामलों को छोड़कर. किसी मेडिकल केस को लेने के बाद, आरएमपी को मरीज की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए और न ही मरीज और उसके परिवार को पर्याप्त नोटिस दिए बिना केस से हटना चाहिए. अगर आरएमपी में बदलाव की जरूरत है (उदाहरण के लिए, रोगी को किसी और आरएमपी से प्रोसीजर कराने की जरूरत है) तो इसकी सहमति स्वयं रोगी या उसके अभिभावकों से ली जानी चाहिए. 

डॉक्टर नहीं ले सकते किसी से ये सुविधाएं
नॉटिफिकेशन में जनता और संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रति आरएमपी के कर्तव्यों के तहत यह भी उल्लेख किया गया है कि डॉक्टर दवा कंपनियों से कोई उपहार, ट्रेवल सर्विस आदि नहीं ले सकते हैं.

आरएमपी और उनके परिवारों को फार्मास्युटिकल कंपनियों या उनके प्रतिनिधियों, कमर्शियल हेल्थकेयर संगठन या फर्म,  मेडिकल डिवाइस कंपनियों या कॉर्पोरेट अस्पतालों से कोई उपहार, ट्रेवल सर्विस, हॉस्पिटैलिटी, कैश या मॉनेटरी ग्रांट, परामर्श शुल्क या मानदेय आदि किसी भी बहाने के तहत नहीं लेना चाहिए. हालांकि, इसमें आरएमपी को इन संगठनों के कर्मचारियों के रूप में मिलने वाली सैलरी और फायदे शामिल नहीं हैं.  

इसके अलावा, नियमों में कहा गया है, आरएमपी को किसी भी ऐसी थर्ड पार्टी एजुकेशनल एक्टिविटी जैसे सीपीडी, सेमिनार, कार्यशाला, संगोष्ठी, सम्मेलन आदि में शामिल नहीं किया जाना चाहिए, जिसमें फार्मास्युटिकल कंपनियों या संबद्ध स्वास्थ्य क्षेत्र से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष स्पॉन्सरशिप शामिल हो. 

मरीज को इलाज से पहले बताएं फीस 
आरएमपी के सैलरी या पारिश्रमिक के अधिकार के तहत नॉटिफिकेशन में कहा गया है कि रोगी की जांच या उपचार से पहले परामर्श शुल्क/ कंसल्टेशन फीस की जानकारी रोगी को दी जानी चाहिए. इसमें कहा गया है, "मरीज को सर्जरी या उपचार की लागत का उचित अनुमान दिया जाना चाहिए ताकि वे पूरी जानकारी के साथ निर्णय लें. अगर जैसा बताया गया उस अनुसार फीस का भुगतान नहीं किया जाता है, तो आरएमपी मरीज का इलाज करने या उसका इलाज जारी रखने से इनकार कर सकता है.