माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में के नाम में माइक्रो (अर्थात् थोड़ा या छोटा) होता है और शरीर को बहुत कम मात्रा में इनकी आवश्यकता होती है. लेकिन हम आपको बता दें कि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स शरीर के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं. किसी भी माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी शरीर के लिए गंभीर और यहां तक कि जानलेवा हो सकती है.
Micronurtrients या सूक्ष्म पोषक तत्व मूल रूप से विटामिन और खनिज हैं जिनकी जरूरत हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए होती है और उन्हें सही डोज में लेना जरूरी है. ये सूक्ष्म पोषक तत्व हमारे सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि शरीर को विकास के लिए आवश्यक एंजाइम, हार्मोन और अन्य पदार्थों का उत्पादन करने में सक्षम बनाते हैं. साथ ही, ऊर्जा उत्पादन, इम्यूनिटी, ब्लड क्लोटिंग, हड्डियों का स्वास्थ्य, फ्लूइड बैलेंस और कई अन्य प्रक्रियाओं के लिए भी आवश्यक हैं.
हर एक भोजन में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा अलग-अलग होती है, इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम प्रत्येक भोजन का पर्याप्त मात्रा में सेवन कर रहे हैं, विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाना सबसे अच्छा है.
ये माइक्रोन्यूट्रिएंट हैं महत्वपूर्ण
आयोडीन
आयोडीन हार्मोन के स्तर, विशेषकर थायराइड हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को संतुलित करने में मदद करता है.
विटामिन ए
विटामिन ए आंखों की रोशनी के लिए अच्छा है और गाजर इसके असाधारण स्रोत के रूप में काम करती है. इसके अलावा, विटामिन ए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है.
विटामिन डी
विटामिन डी हड्डियों के मजबूत विकास को बढ़ावा देने और हड्डी से संबंधित रोगों के खतरे को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसे "सनशाइन विटामिन" के रूप में जाना जाता है - जब हमारी त्वचा सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आती है तो हमारा शरीर इसे प्राकृतिक रूप से उत्पन्न करता है. हमारे शरीर में विटामिन डी की उचित मात्रा कैल्शियम अवशोषण को भी बढ़ा सकती है.
जिंक
जिंक हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. हमारा शरीर स्वयं जिंक का उत्पादन नहीं करता है, इसलिए खने के जरिए ही इसे लिया जा सकता है.
आयरन
आयरन न केवल हल्दी ब्लड सर्कुलेशन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बल्कि छोटे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में भी मदद करता है और गर्भवती माओं के लिए स्वस्थ गर्भधारण को बढ़ावा देता है. यह शरीर में ऑक्सीजन ट्रांसपोर्टेशन के लिए जरूरी है.
अगर माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी हो तो...
खून की कमी
आयरन और विटामिन बी12 की कमी से एनीमिया हो सकता है, हालांकि आयरन की कमी सबसे आम है. विशेष रूप से गर्भावस्था में, इससे बच्चे का सही से विकास नहीं होना, समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन और मां और शिशु दोनों के लिए मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है.
ऑस्टियोपोरोसिस
अपर्याप्त विटामिन डी या कैल्शियम से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिसे ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है, और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है.
संक्रमण बढ़ना
विटामिन ए की कमी से ब्लाइंडनेस, ड्राई स्किन और संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है.
थायरॉइड की खराबी
आयोडीन की कमी से थायरॉयड ग्लांड बढ़ सकती है और थायराइड के कामों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना
जिंक की कमी वाले व्यक्तियों में आमतौर पर कमजोर प्रतिरक्षा, त्वचा की समस्याएं, बालों का झड़ना और घाव भरने में देरी के लक्षण होते हैं.
अपनी डाइट को ऐसे बनाए माइक्रोन्यूट्रिएंट से भरपूर
अलग-अलग खाने करें डाइट में शामिल
अपने आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करें. अलग-अलग खाद्य पदार्थों में अलग-अलग सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं. फलों और सब्जियों, साबुत अनाज, प्रोटीन और डेयरी आदि शामिल करें. अपने आहार में अच्छी मात्रा में सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल करने के लिए पत्तेदार सब्जियों को जरूर डाइट का हिस्सा बनाएं. पत्तेदार सब्जियां विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट और मैग्नीशियम से भरपूर होती हैं.
नट्स और सीड्स
स्नैक्स के लिए चिप्स या बिस्कुट लेने के बजाय, स्वस्थ मेवे और बीज चुनने पर विचार करें. नट्स और बीजों में विटामिन ई, जिंक, मैग्नीशियम जैसे दिल की रक्षा करने वाले पोषक तत्व होते हैं.
खाना पकाने का तरीका
आपको खाना पकाने का तरीका ऐसा होना चाहिए जिससे खाने में माइक्रोन्यूट्रिएंट बने रहें. खाने को भाप में पकाने, माइक्रोवेव करने और कम तेल में भूनने से तलने या उबालने की तुलना में अधिक विटामिन और मिनरल्स बनाए रखने में मदद मिल सकती है.
प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें
रिफाइनिंग और एडिटिव्स के कारण अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स में अक्सर जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी होती है. मीठे स्नैक्स, फास्ट फूड और प्रोसेस्ड उत्पादों का सेवन कम से कम करें.
सप्लीमेंट्स
किसी खास माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी की पहचान करने के लिए हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट से परामर्श लें. कई बार सिर्फ खाने से कमी पूरी नहीं होती है ऐसे में सप्लीमेंट आपकी मदद करते हैं.