हर साल 1 अक्टूबर को देश में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है. इंडियन सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एंड इम्यूनो हेमेटोलॉजी की ओर इस दिवस को मनाने की शुरुआत पहली बार 1975 में की गई थी, ताकि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा दिया जा सके और किसी भी मरीज को खून की कमी न हो. आइए आज जानते हैं किसी करना चाहिए रक्तदान और किसे नहीं. रक्तदान के क्या-क्या फायदे हैं?
पुरुष हर 3 महीने में कर सकते हैं रक्तदान
रक्तदान को नेक और निस्वार्थ कार्य के रूप में देखा जाता है. एक व्यक्ति के एक यूनिट रक्तदान से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है. रक्तदान सिर्फ खून प्राप्त करने वालों के लिए ही फायदेमंद नहीं होता, बल्कि इससे रक्तदाता को भी कई सारे फायदे मिलते हैं. वैसे तो कोई भी स्वस्थ वयस्क पुरुष और महिला (18-65 साल) रक्तदान कर सकते हैं. पुरुष जहां हर 3 महीने में, वहीं महिलाएं हर 4 महीने में रक्तदान कर सकती हैं.
कौन रक्तदान नहीं कर सकता?
कोई भी व्यक्ति जो रक्तदान करना चाहता है, उसके लिए सबसे जरूरी है डब्ल्यूएचओ की तरफ से तय पैमानों को फॉलो करना. यदि आप किसी ऐसे शख्स से खून लेते हैं जो डब्ल्यूएचओ के पैमाने को पूरा नहीं करता, उससे ब्लड लेने वाला मरीज बीमार हो सकता है.
1. वैसा व्यक्ति जिसने हाल ही में ब्लड डोनेट किया हो. एक डोनर को 2 महीने या 56 दिनों में केवल एक बार रक्तदान करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करना डोनर और मरीज दोनों की सेहत के लिए अच्छा होता है..
2. गर्भवती महिलाओं को एनीमिया की कमी होती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को रक्तदान नहीं करना चाहिए.
3. बॉडी पियर्सिंग करवाने लोगों को भी रक्तदान नहीं करना चाहिए, अगर आपने 3 महीने पहले शरीर के किसी भी पार्ट में बॉडी पियर्सिंग करवाई है तो रक्त से बचना चाहिए. इसके बाद आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं.
4. यदि आप बुखार या सर्दी से जुझ रहे हैं तो भी आपको रक्तदान से बचना चाहिए. इसकी वजह फ्लू में आपका इम्यूनिटी पॉवर का कम होना है.
5. बॉडी पियर्सिंग की तरह, यदि आपने पिछले 3 महीनों में टैटू बनवाया है, तो आपको रक्तदान करने से बचना चाहिए.
6. यदि आपका वजन कम है, यानी अगर आप 110 पाउंड / 50 किलोग्राम से कम हैं, तो आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए. ऐसे में रक्तदान करना डोनर के लिए नुकसानदायक होता है.
7. यदि आपको हाई बल्ड प्रेशर या लो बल्ड बल्ड प्रेशर है तो भी आपको रक्तदान से बचना चाहिए.
8. यदि आप ट्यूबरक्लोसिस से ग्रसित हैं तो भी आपको बल्ड डोनेट नहीं करना चाहिए.
9. एड्स मरीज को रक्तदान नहीं करना चाहिए.
कौन कर सकता है ब्लड डोनेट
1. व्यक्ति का वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए.
2. उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो.
3. सर्दी, फ्लू, गले में खराश या कोई अन्य संक्रमण नहीं होना चाहिए.
4. हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 g/dl से कम न हो.
5. खून दान देने के दौरान रक्तचाप सामान्य होना चाहिए.
रक्तदान करने के फायदे
1. आपका वजन काफी ज्यादा बढ़ गया है तो रक्तदान इसे कम करने में आपकी मदद कर सकता है. इसके साथ ही रक्तदान से सहनशक्ति भी बढ़ती है. किसी भी तरह के स्वास्थ्य जोखिम से बचने के लिए रक्तदान से पहले डॉक्टर्स से मदद लेना जरूरी है.
2. यदि आप नियमित रक्तदान करते हैं तो शरीर में आयरन का स्तर नियंत्रित रहता है. रक्त में आयरन की उच्च मात्रा रक्त धमनियों को ब्लॉक करने लगती है जिससे ब्लड सर्कुलेश ठीक प्रकार से नहीं हो पाता, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है और हेमोक्रोमैटोसिस (आयरन अधिभार) नामक बीमारी हो जाती है. रक्त दान से हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है.
3. खून में आयरन की अधिक मात्रा को जमा होने से रोकने के लिए रक्तदान बहुत ही उपयुक्त उपाय है. खून में हाई आयरन के जमा होने से ब्लड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
4. रक्तदान के कई सारे स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन सबसे बड़ा लाभ मनोवैज्ञानिक लाभ है. जब आप रक्तदान करते हैं तो आपके मन में एक सुखद अनुभूति होती है कि किसी की मदद करने की. यही आपको रिफ्रेश फील कराती है और आपको खुशी का अनुभव होता है. यह खुशी आपके मेंटल हेल्थ को काफी इंप्रूव करती है. मानसिक तौर पर आप काफी मजबूत बनते हैं.
5. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नई रक्त कोशिकाओं की बहुत बड़ी भूमिका होती है. नियमित रूप से रक्तदान करने के बाद आपके शरीर में जो नया खून बनता है वह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है.
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