वैसे तो नवरात्रि के व्रत करने की लोगों की अपनी धार्मिक और अध्यात्मिक वजह होती है लेकिन अब धीरे-धीरे लोग व्रत करने के हेल्थ लॉजिक भी समझ रहे हैं. क्योंकि व्रत करने आपके शरीर की डीटॉक्स होने में मदद मिलती है. अगर आप नौ दिन खुद पर कंट्रोल करके और खानपान का सही बैलेंस बनाते हैं जिससे आपको ज्यादा भूख नहीं लगती है तो आप इस पीरियड में अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सही तरीके से व्रत करने से फैट कम होता है और इससे वजन कम होता है. साथ ही, रेगुलर यह करने से आपमें डिसिप्लिन भी बनता है.
क्या है थाली के पीछे की साइंस
नवरात्रि के मील प्लान का साइंस बहुत सरल है. यह कम कार्बोहाइड्रेट वाला, फाइबर और प्लांट प्रोटीन से भरपूर होता है और इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर फल, सब्जियां और मेवे शामिल हैं. नवरात्रि में लिक्विड डाइट भी काफी रहती है जैसे शिकंजी, जूस आदि जिससे आपका सिस्टम हाइड्रेट रहता है. फलों से आपको काफी एनर्जी मिलती है, क्योंकि फलों को पचने में समय लगता है.
इसके बाद, जब आप खाना खाते हैं यानी कि थाली खाते हैं तो नवरात्रि की थाली में भी बैलेंस्ड डाइट होती है. साथ ही, आप फल आदि खाते हैं तो एकदम तेज भूख नहीं लगती है जिस कारण आप ओवरइटिंग भी नहीं कर सकते हैं. व्रत में खाना खाने के बाद दो घंटे तक सोने की अनुमति नहीं है, ऐसे में खाना भारी नहीं होता है. साथ ही, खाना ठीक से पचता है तो यह आपके दिमाग को शांत करता है और आपको नींद भी अच्छी आती है.
व्रत में मिलेट्स और रूट्स जैसे साबूदाना आदि खाया जाता है. इससे एनर्जी मिलती है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है. चटनी और अचार के बजाय, कच्चे आम, गुड़, काली मिर्च पाउडर और नारियल के छिलके के साथ दही खाने से आपका सैलाइवा बढ़ता है जो खाने को बेहतर ढंग से चबाने में मदद करता है. साथ ही, इससे क्रेविंग भी कम होती है.
मिलेट्स का करें सेवन
सबसे अच्छा सामक या समा का चावल है, जिसे बार्नयार्ड मिलेट भी कहा जाता है. इनमें प्रतिरोधी स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है, जो ब्लड स्ट्रीम में शुगर रिलीजको कम कर देता है और फाइबर, प्रोटीन और जिंक और आयरन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह ग्लूटेन-फ्री है और कम कैलोरी होती है. इसमें फाइबर और प्रोटीन हाई होता है. अगर इसे रेगुलर खाया जाए तो यह वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है. यह शरीर में एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.
ग्लूटेन-फ्री राजगिरा (Amaranth) में 10 प्रतिशत से ज्यादा प्रोटीन होता है जबकि कुट्टू (Buckwheat Millet) कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी 6 और मैग्नीशियम की अच्छी डाइट देता है. ये मिलेट्स माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर हैं, इनका मिडियम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) लगभग 45 है. इन मिलेट्स को पालक, लौकी, गाजर और अन्य मौसमी सब्जियों जैसी सब्जियों के साथ पकाएं.
कम नमक, इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर
सेंधा नमक याहमारे सोडियम और पोटेशियम के स्तर का ख्याल रखने में मदद करता है और शरीर में पानी की कमी से छुटकारा दिलाता है. यह आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और आपको सामान्य नमक की तुलना में मिनरल्स को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता हैय छाछ प्रोबायोटिक्स से भरपूर है और आंत के स्वास्थ्य के लिए अच्छी रहती है.
लौकी और कद्दू जैसे पानी आधारित फल और सब्जियां चुनें, जो हर तरह से अच्छे हैं. आलू और शकरकंद का सेवन आमतौर पर एनर्जी के लिए किया जाता है. लेकिन इनमें कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होते हैं, इसलिए इन्हें अपने हर दिन के कैलोरी इनटेक के हिसाब से लें. डायबिटीज से पीड़ित लोग अपने सामान्य दिशानिर्देशों के अनुसार फल खा सकते हैं. जहां तक सूखे मेवों की बात है, तो आप एक दिन में खजूर, किशमिश और खुबानी जैसे सूखे मेवे खा सकते हैं.