सर्दियों में ज्यादातर लोगों को सिरदर्द होने लगता है. वहीं जिनको माइग्रेन की समस्या होती है उनको भी इस मौसम में ज्यादा परेशानी होने लगती है. हालांकि, इसका कारण कोई नहीं समझ पाया है. लेकिन अब जर्मनी स्थित एक शोध दल ने इसको लेकर स्टडी की है. इसमें स्ट्रेस के समय में होने वाले सिरदर्द और माइग्रेन के कारण का पता लगाया गया है.
इसके लिए स्टडी में 50 रोगियों को शामिल किया गया था. मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) स्कैन का अध्ययन करने के बाद, शोधकर्ताओं ने सिरदर्द के होने को गर्दन के दर्द और चेहरे की मांसपेशियों से लिंक किया.
गर्दन का दर्द भी है कारण
स्टडी में ट्रेपेजियम मांसपेशियों पर ध्यान दिया गया. ये गर्दन और कंधों के पीछे फैले हुए टिश्यू होते हैं जो सिर और कंधे के ब्लेड से जुड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. स्ट्रेस से होने वाले सिरदर्द और माइग्रेन से पीड़ित रोगियों में किसी भी पैटर्न या विसंगतियों को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र का अध्ययन किया.
गर्दन में मौजूद टिश्यू हैं कारण
परिणामों से पता चला कि स्ट्रेस हेडएक और माइग्रेन दोनों से पीड़ित व्यक्तियों की ट्रेपेजियम मांसपेशियों में तनाव बढ़ा है. स्टडी से पता चलता है कि ये सिरदर्द केवल सिर में नहीं होते हैं, बल्कि गर्दन की मांसपेशियों के भीतर भी होते हैं. ये शारीरिक तनाव और मेन्टल स्ट्रेस के कारण भी हो सकते हैं.
एमआरआई स्कैन में दिखी तस्वीर
प्रतिभागियों पर किए गए एमआरआई स्कैन से पता चला कि उन दिनों गर्दन की मांसपेशियों में तनाव का स्तर बढ़ गया था जब उन्हें सिर और गर्दन में दर्द का अनुभव हुआ था. इस स्टडी में गर्दन की मांसपेशियों में सूजन की ओर इशारा किया गया. ये सूजन, सिरदर्द और माइग्रेन की शुरुआत के बीच एक संभावित संबंध के बारे में बताता है.
स्टडी को लेकर डॉक्टर निको सोलमैन कहते हैं कि खराब पोस्चर, नींद की कमी, चोट और स्ट्रेस जैसे अलग-अलग कारणों से गर्दन में सूजन, सिरदर्द और माइग्रेन हो सकता है. ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि गर्दन की मांसपेशियों को सीधे टारगेट करने वाली एक्सरसाइज, मालिश या एक्यूपंक्चर का ऑप्शन लिया जा सकता है.
कई लोगों को है ऐसी समस्या
गौरतलब है कि अमेरिका में तीन में से दो वयस्क तनाव सिरदर्द से जूझ रहे हैं और 3.7 करोड़ से अधिक अमेरिकी माइग्रेन से पीड़ित हैं. ऐसे में इसके कारण का पता करके इस समस्या को कम किया जा सकता है.