scorecardresearch

अब रोबोटिक तकनीक से होगा ओरल कैंसर के मरीजों का इलाज, आम सर्जरी से जल्दी होगी मरीज की रिकवरी

अगर आम जीवन में इंसान किसी बीमारी से डरता है तो वह है कैंसर. कैंसर के मामले पिछले सालों में लगातार बढ़े है. सबसे ज्यादा जो कैंसर लोगों में पाया जाता है वो है ओरल कैंसर यानी कि मुंह में होने वाला कैंसर. जैसे-जैसे तकनीक बढ़ी है कैंसर का उपचार पहले के मुकाबले आसान हुआ है. लेकिन जब बात ओरल कैंसर की आती है, तो हम देखते हैं कि इलाज के बाद भी इसके निशान इंसान के शरीर पर दिखाई देते हैं.

New Technique for Scarless surgeries for Oral Cancer New Technique for Scarless surgeries for Oral Cancer
हाइलाइट्स
  • आम सर्जरी जैसे नहीं रहते निशान

  • रोबोटिक तकनीक से होता है ट्रीटमेंट

अगर आम जीवन में इंसान किसी बीमारी से डरता है तो वह है कैंसर. कैंसर के मामले पिछले सालों में लगातार बढ़े है. सबसे ज्यादा जो कैंसर लोगों में पाया जाता है वो है ओरल कैंसर यानी कि मुंह में होने वाला कैंसर. जैसे-जैसे तकनीक बढ़ी है कैंसर का उपचार पहले के मुकाबले आसान हुआ है. लेकिन जब बात ओरल कैंसर की आती है, तो हम देखते हैं कि इलाज के बाद भी इसके  निशान इंसान के शरीर पर दिखाई देते हैं. निशान न सिर्फ इंसान के देखने की क्षमता पर असर डालते हैं बल्कि मुंह, जीभ पर लगे कट की वजह से खाने और बोलने में भी उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है. आज हम आपको एक ऐसी तकनीक के बारे में बताएंगे, जो इस परेशानी से पीड़ित इंसान के लिए एक उम्मीद से कम नहीं है. 

रोबोटिक तकनीक से होता है ट्रीटमेंट
BLK Max Super Speciality Hospital के डॉक्टर Surendra Dabas और उनकी टीम इस तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. यह एक रोबोटिक तकनीक है जो ओरल कैंसर के 1st और 2nd स्टेज के मरीजों के लिए जीवन बदलने वाली है. इसके जरिए जो बड़े कट लगा कर ऑपरेशन होता है उससे बचा जाता है और 4 माइनर कट से पूरा ऑपरेशन/ सर्जरी की जाती है. इसके कुछ समय के बाद मरीज आराम से खाना खा पता है और बोल पता है. आम सर्जरी में यह सम्भव नहीं था.

रिकवरी में लगता है कम समय - डॉक्टर 
Surgical Oncology & Robotic Surgery, BLK Max Super Speciality Hospital के डॉक्टर सुरेंद्र डबास बताते है कि इस सर्जरी से मरीज सोशल जिंदगी में वापस लौट पाता है. रिकवरी में समय कम लगता है और जो आम परेशानी कैंसर के ऑपरेशन के बाद आती है जैसे होठ का नीचे लाटक जाना, थूक का हर वक्त गिरना आदि ये सब इस रोबोटिक सर्जरी के द्वारा सामने नहीं आती. यह सर्जरी मरीज के लिए उचित है या नहीं यह डॉक्टर मरीज की स्थिति का जायजा लेने के बाद ही बताएंगे. फिलहाल अभी तक 40 मरीजों का ऑपरेशन रोबॉटिक सर्जरी के जरिए हो चुका है और इसके परिणाम सकारात्मक आए हैं. 

किस तरह डिजाइन की गई है मशीन
Da Vinci नामक कंपनी की यह रोबॉटिक मशीन के द्वारा ये सर्जरी की जाती है जिसमें  सर्जन मशीन को कंट्रोल करता है. इस मशीन के तीन प्रमुख हिस्से होते हैं. पहला सर्जन कंसोल होता है जहां पर सर्जन बैठता है. दूसरा विजन कार्ट होता है, तीसरा पेशेंट कार्ट होता है जहां पर सर्जरी की जाती है. ट्रेडिशनल सर्जरी के मुकाबले यह सर्जरी मरीजों पर ज्यादा बेहतर परिणाम दिखाती है. 

मरीज ने बताया अपना अनुभव
4 महीने पहले अपने ओरल कैंसर की सर्जरी करा चुके Vipul Raturi बताते हैं कि उन्हें देखकर कोई बता नहीं सकता कि उन्हें ओरल कैंसर हुआ था. उनकेचेहरे पर कोई निशान नहीं आया है और रिकवरी भी जल्दी हो गयी है. अब वो आराम से सामान्य जीवन मे लौट चुके हैं. 
 

ये भी पढ़ें: