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Nipah Virus से केरल में एक की मौत, जानिए क्या हैं वायरस के लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव

Nipah Virus: निपाह एक दुर्लभ और जानलेवा वायरस है जो सबसे पहले 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में सूअरों में पाया गया था. यह एक 'ज़ूनोटिक' वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से इंसानों में फैल सकता है.

Nipah virus claims life of 14-year-old in Kerala Nipah virus claims life of 14-year-old in Kerala
हाइलाइट्स
  • 14 साल के बच्चे को निपाह ने बनाया शिकार

  • जानवरों से इंसानों में फैलता है वायरस

केरल में रविवार को निपाह वायरस (Nipah Virus) से एक बच्चे की मौत होने के बाद देश भर के स्वास्थ्य अधिकारी इस जानलेवा बीमारी को महामारी बनने से रोकने की मशक्कत में लगे हैं. यह वायरस चार में से तीन संक्रमितों को मारने की क्षमता रखता है और फिलहाल इसका इलाज भी मौजूद नहीं है. ऐसे में आपको इसके लक्षण, रिस्क और इलाज के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी होनी चाहिए. 

क्या है निपाह, कैसे फैलता है?
निपाह एक दुर्लभ और जानलेवा वायरस है जो सबसे पहले 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में सूअरों में पाया गया था. यह एक 'ज़ूनोटिक' वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. निपाह से संक्रमित जानवर या उसके मल-मूत्र के संपर्क में आने से इंसान को निपाह वायरस हो सकता है.

चमगादड़ (Fruit Bat) के थूक या मूत्र से संक्रमित खाना खाने से भी निपाह वायरस हो सकता है. निपाह के कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें संक्रमित व्यक्ति की देखरेख करने वाले परिजनों को भी यह बीमारी हो गई है. 

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क्या हैं निपाह के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इंसानों में निपाह के लक्षण दिखने में दो हफ्ते तक का समय लग सकता है. निपाह से संक्रमित इंसानों को आमतौर पर सबसे पहले बुखार होता है, उसके बाद बाकी लक्षण दिखना शुरू होते हैं. इन लक्षणों में सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी, खांसी और दिमाग में सूजन शामिल है. संक्रमित व्यक्ति को मिरगी का दौरा पड़ सकता है, जिसके बाद वह एक-दो दिन तक कोमा में चला जाता है. स्वास्थ्य एजेंसियों का अनुमान है कि निपाह से संक्रमित 40% से 75% लोग वायरस से मर जाते हैं.

कैसे करें बचाव?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सार्वजनिक स्वास्थ्य शैक्षिक संदेशों को निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है.
1. खजूर के रस और अन्य ताजी खाने की चीजों तक चमगादड़ों की पहुंच कम करें.
2. बीमार जानवरों की देखरेख करते समय दस्ताने और अन्य सुरक्षात्मक कपड़े पहनें.
3. निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के साथ निकट, असुरक्षित शारीरिक संपर्क से बचें. बीमार लोगों की देखभाल करने या उनसे मिलने के बाद नियमित रूप से अपने हाथ धोएं.
4. संदिग्ध या पुष्टि किए गए संक्रमण वाले रोगियों की देखभाल करने वाले या उनके नमूनों को संभालने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को हर समय मानक संक्रमण नियंत्रण सावधानियां लागू करनी चाहिए. 

क्या है इलाज? 
इंसानों या जानवरों में निपाह वायरस के खिलाफ उपयोग के लिए कोई दवा या टीका आधिकारिक रूप से मौजूद नहीं है. संक्रमित लोगों रा इलाज देखभाल और विशिष्ट लक्षणों के उत्पन्न होने पर उन्हें पहचानने तक ही सीमित है. अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों (CDC) के अनुसार, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी से बने कुछ प्रतिरक्षाविज्ञानी इलाज (Immunological therapies) क्लीनिकल ट्रायल्स के शुरुआती चरणों में हैं.

सीडीसी ने कहा कि वायरल में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमेडिसविर जानवरों के अध्ययन में वायरस के संपर्क के बाद दिए जाने पर भी प्रभावी था. निपाह के करीबी रिश्तेदार हेंड्रा वायरस का टीका ऑस्ट्रेलिया में घोड़ों के लिए मौजूद है. यह कुछ हद तक निपाह संक्रमण के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करता प्रतीत होता है.   

भारत सरकार ने जारी की एडवायजरी 
केरल में निपाह वायरस से मौत की सूचना मिलते ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को तत्काल रूप से ये सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने की सलाह दी है:
1. पुष्टि किए गए मामले के परिवार, पड़ोस और स्कूल/वर्कप्लेस वाले क्षेत्रों में सक्रिय मामलों की खोज करें. 
2. पिछले 12 दिनों के दौरान हुए सभी संपर्कों को ट्रेस करें. 
3. संक्रमित के संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारंटाइन करें और किसी भी संदिग्ध बीमार को अकेला रखें. 
4.सभी के सैंपल लैब टेस्टिंग के लिए भेजें.