राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) ने हाल ही में भारत में ऑर्गन डोनेशन से संबंधित कुछ आंकड़े पब्लिश किए हैं. इन आंकड़ों के अनुसार, देश में जितने भी लोगों ने अंगदान और टिश्यू (ऊतक) दान के रजिस्टर किया है उनमें सबसे ज्यादा कॉर्निया (दोनों आंखें) और किडनी डोनेशन के रजिस्ट्रेशन हैं.
कुछ रजिस्ट्रेशन्स में से 92,725 रजिस्ट्रेशन किडनी दान के लिए हैं और ये सबसे ज्यादा है. इसके बाद लिवर (88,217 रजिस्ट्रेशन) और दिल (88,007 रजिस्ट्रेशन) का स्थान है. दानकर्ता ऊतक दान की प्रतिज्ञा भी कर सकते हैं, 96,426 रजिस्ट्रेशन कॉर्निया (दोनों आंखें) डोनेशन के लिए हैं.
राजस्थान से सबसे ज्यादा डोनर
आंकड़ों के अनुसार, रजिस्टर्ड डोनर्स की संख्या के मामले में राजस्थान राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है. राष्ट्रीय स्तर पर 129,615 रजिस्ट्रेशन में से 28,573 रजिस्ट्रेशन राजस्थान से हैं, जिसके बाद 24,862 रजिस्ट्रेशन महाराष्ट्र और 20,247 रजिस्ट्रेशन मध्य प्रदेश से हैं.
NOTTO के साथ रजिस्ट्रेशन करने वाले अंग दाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इसका श्रेय जागरूकता अभियानों को जाता है. हालांकि, अभी भी काफी चुनौतियां हैं लेकिन आजकल इस बारे में लोगों की समझ बढ़ रही है और इससे डोनर्स की संख्या बढ़ रही है.
दो तरह से होता है ऑर्गन डोनेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में अंग दान और प्रत्यारोपण (Transplant) दो तरीके हैं. एक तरीका मरीज के रिश्तेदारों से पूछना है जो स्वेच्छा से आगे आकर लीवर या किडनी जैसे अंगों को दान करते हैं और दूसरा तरीका NOTTO के साथ रजिस्टर्ड डोनर्स की लिस्ट के साथ महत्वपूर्ण वाइटल्स को मैच करना और ट्रांसप्लांट प्रोसेस को आगे बढ़ाना है.
ब्रेन डेड मरीजों के ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए मरीज के परिवार की मंजूरी की जरूरत होती है. वहीं, NOTTO सिस्टम रजिस्टर्ड डोनर्स के अंगों को ऑटोमेटिक रूप से दान करने की अनुमति देता है. NOTTO रजिस्ट्री में वर्तमान में 129,615 पंजीकृत अंगदाता हैं, जो भारत की आबादी का 1 प्रतिशत से भी कम है.
भारत में ऑर्गन्स की मांग बहुत ज्यादा है और आपूर्ति अभी भी कम है. जिस कारण ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे बहुत से मरीजों की मौत हो जाती है. ऐसे में, बहुत जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ऑर्गन डोनेशन के लिए आगे आएं.