ज्यादातर लोग अपने मोटापे से परेशान रहते हैं. मोटापा अपने साथ कई सारी बीमारियां लेकर आता है. अब हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी हुई है जिसमें सामने आया है कि मोटापे का लिंक कैंसर से भी है. वेनिस में मोटापे पर ये स्टडी हुई है. सभी कैंसर के लगभग आधे मामले मोटापे से जुड़े हैं. इस स्टडी में 40 साल से ज्यादा 41 लाख प्रतिभागियों पर नजर रखी गई. साथ ही उनके वजन और लाइफस्टाइल की आदतों की बारीकी से निगरानी की गई. स्टडी में मोटापे और 32 अलग-अलग प्रकार के कैंसर के बीच संबंध का पता चला.
3 लाख लोगों पर हुई स्टडी
स्टडी के दौरान, शोधकर्ताओं ने कैंसर के चौंका देने वाले 3,32,500 मामलों की पहचान की है. इसमें कैंसर के खतरे पर मोटापे के प्रभाव को उजागर किया गया था. विशेष रूप से, स्टडी में पाया गया कि बॉडी मास इंडेक्स (BMI) जब बढ़ा तो कैंसर का होने का जोखिम भी बढ़ गया. ये जोखिम पुरुषों में 24 प्रतिशत और महिलाओं में 12 प्रतिशत तक बढ़ गया. इसमें ब्रेस्ट कैंसर, कोलन कैंसर, ओवेरियन कैंसर, पैंक्रिएटिक कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर शामिल है.
मोटापे से हो सकती है कई परेशानी
फैट टिश्यू, या फैट सेल्स, हार्मोन और साइटोकिन्स का उत्पादन करती हैं, जो नॉर्मल सेलुलर प्रोसेस को बाधित करती हैं. इससे ट्यूमर होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, मोटापे के कारण अक्सर एस्ट्रोजेन और इंसुलिन जैसे हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे हार्मोन-सेंसिटिव ट्यूमर के विकास को बढ़ावा मिलता है.
शरीर में बढ़ी हुई चर्बी से लिपिड और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में गड़बड़ी हो सकती है, जो कैंसर को बनने में मदद करती है. मोटापे के साथ लाइफस्टाइल से जुड़ी चीजें जैसे खराब डाइट, तंबाकू का सेवन, कैंसर के खतरे को और बढ़ाते हैं.
भारत में बढ़ रहा मोटापा
हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि भारत में मोटापे की समस्या काफी लोगों को है. लैंसेट ने एक अध्ययन प्रकाशित किया है जिसमें बताया गया है कि भारत में पेट का मोटापा 40% महिलाओं और 12% पुरुषों को प्रभावित करता है. 30-49 साल की उम्र की महिलाओं में, 10 में से 5-6 पेट के मोटापे से ग्रस्त हैं.
मोटापे के पीछे कई सारी वजह हो सकती है. जैसे पर्यावरणीय, व्यवहारिक और सामाजिक-आर्थिक कारक. हेल्दी खाना, शारीरिक गतिविधि, आय, शिक्षा सभी चीजें मायने रखती है.
कैसे करें मोटापा कम?
मोटापा कम करने के लिए जरूरी है कि एक्सरसाइज करें, स्वीट ड्रिंक्स से बचें, प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें. जितना हो सके फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें. इसके अलावा, हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की एक्सरसाइज जरूरी करें. साथ ही पर्याप्त नींद को प्राथमिकता दें और जितना हो सके उतना कम स्ट्रेस लें.