भारत में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) के दो केस पाए गए हैं, ऐसे में पूरे देश में अब बूस्टर डोज (Booster Dose) को लेकर चर्चा तेज हो गयी है. हाल ही में जीनोमिक वेरिएशंस की निगरानी करने वाली 28 लैब के एक ग्रुप ने केंद्र सरकार से कोविड-19 की बूस्टर डोज पर विचार करने की सिफारिश की है. उन्होंने उन लोगों को कोरोना वायरस की बूस्टर डोज लेने के लिए कहा है जिन्हें ओमीक्रॉन का ज्यादा खतरा है. ये 40 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बीच के लोग हैं.
40 से अधिक के उम्र वालों को लगाई जाए बूस्टर डोज
इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के वीकली बुलेटिन के अनुसार, "सभी बचे हुए वो लोग जो 40 साल से अधिक उम्र के हैं, जिन्हें वायरस से ज्यादा ‘रिस्क’ है और उन्हें टीका नहीं लगा है, उनके लिए बूस्टर डोज पर विचार किया जा सकता है.”
दरअसल, INSACOG देश भर में कोरोना वायरस के वैरिएशंस की जांच करता है. इससे ये समझने में मदद मिलती है कि ये वायरस फैलता कैसे है और विकसित कैसे होता है. इसके साथ ये इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए जैसे सुझाव भी देता है.
वैक्सीन, टेस्टिंग और जीनोमिक सर्विलान्स को बढ़ाना जरूरी
INSACOG ने अपने बुलेटिन में लिखा, "जरूरी पब्लिक हेल्थ उपायों को सक्षम करने के लिए ओमीक्रॉन वायरस की उपस्थिति का जल्द पता लगाने के लिए जीनोमिक सर्विलान्स जरूरी है. वायरस प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले और वहां जाने वालों की यात्रा की निगरानी, इसके साथ कोविड-19 मामलों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग को बढ़ा दिया गया है.”
INSACOG ने आगे कहा कि शुरुआती साक्ष्य बताते हैं कि ओमीक्रॉन फिर से वायरस के संक्रमण को बढ़ा सकता है. इस वायरस के म्युटेशन से हुए बढ़के हुए स्ट्रक्चर को देखकर कहा जा सकता है कि ये संक्रमण बढ़ा सकता है. इस प्रकार के मामलों की संख्या दक्षिण अफ्रीका के लगभग सभी प्रांतों में बढ़ रही रही है.
दुनिया के कुछ देश दे चुके बूस्टर डोज को मंजूरी
आपको बता दें, अमेरिका और ब्रिटेन ने पहले ही कुछ आयु वर्गों के लिए बूस्टर डोज को मंजूरी दे दी है. अमेरिकी के इन्फेक्शन डिजीज के एक्सपर्ट एंथनी फौसी ने बूस्टर डोज पर जोर देते हुए कहा कि पूरी तरह से वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले वयस्कों को बूस्टर डोज देनी चाहिए, तब वे खुद को पूरी तरह से सुरक्षित रख पायेंगे.
भारत में मिले हैं दो ओमीक्रॉन पॉजिटिव
आपको बताते चलें कि भारत में संक्रमित पाए गए दो रोगियों में से एक बेंगलुरू के हैं, जो 46 वर्षीय हैं, इनको वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी थी. ये पेशे से डॉक्टर हैं और इनकी कोई पुरानी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. 21 नवंबर को इनमें बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दिए थे, जिसके बाद ओमीक्रॉन पॉजिटिव पाए गए. वहीं, अन्य रोगी 66 साल के हैं. ये दक्षिण अफ्रीकी नागरिक हैं.
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