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क्या कोरोना के नए वेरिएंट पर बेअसर होंगे सभी तरह के टीके? जानें

वैज्ञानिकों का कहना है कि शुरुआत में बताए गए लक्षण हल्के थे क्योंकि ज्यादातर मामले कम उम्र के समूहों में दर्ज किए गए थे, लेकिन अब बड़े आयु वर्ग में भी इस नए वैरिएंट के मामले देखे जा रहे हैं.

वैक्सीन से कुछ हद तक हो सकता है बचाव वैक्सीन से कुछ हद तक हो सकता है बचाव
हाइलाइट्स
  • दक्षिण अफ्रीकी के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने निकाले चार नए निष्कर्ष

  • नौ दक्षिण अफ्रीकी प्रांतों में से पांच में ओमीक्रॉन के मामले आए सामने

भर में कोविड के नए वेरिएंट को लेकर काफी दहशत है. अलग-अलग वैज्ञानिक और डॉक्टर कई तरह के प्रशिक्षण करने में जुटे हैं. इसी बीच दक्षिण अफ्रीका से आए नवीनतम आंकड़ों से पता चला है, कोविड के नए संस्करण ओमीक्रॉन को संभवतः सभी टीकों पर अप्रभावी नहीं माना जा सकता है. हालांकि शरीर की प्रतिरक्षा को ये कुछ हद तक प्रभावित जरूर करेगा. हालांकि इस नए संस्करण के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है क्योंकि नवंबर के आखिरी हफ्ते में दक्षिण अफ्रीका में इस वेरिएंट के मिलेने के बाद से ही देशों ने इस संस्करण को पहचानना शुरू किया है.

दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने इस वैरिएंट को लेकर 4 नए निष्कर्ष निकाले हैं.

1. वैक्सीन से कुछ हद तक हो सकता है बचाव
दक्षिण अफ्रीका में ये वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले में काफी तेजी से फैल रहा है. हालांकि वैज्ञानिकों द्वारा निकाले गए डेटा की मानें तो ये वेरिएंट सभी तरह के टिकों के लिए बेअसर नहीं होगा. 

2. 9 में से 5 प्रांतों पर है इस संस्करण का प्रभाव
ओमीक्रॉन के लगभग पूरे दक्षिण अफ्रीका में मौजूद रहने की संभावना है. अब तक, नौ दक्षिण अफ्रीकी प्रांतों में से पांच में ओमीक्रॉन के मामले सामने आए हैं.

3. वेरिएंट कितनी तेजी से फैल रहा है?
यह अभी तक ज्ञात नहीं है क्योंकि दक्षिण अफ्रीका प्रत्येक सप्ताह एकत्र किए गए कुल नमूनों के केवल एक छोटे से अनुपात पर जीनोम अनुक्रमण करता है. देश में पुष्टि किए गए ओमीक्रॉन मामलों की कुल संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है. हालांकि, दैनिक कोविड मामलों की संख्या दोगुनी होकर 8,561 हो गई है.

4. हल्के या गंभीर लक्षण?
दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों ने पहले कहा था कि उन्हें ओमीक्रॉन के मामलों में हल्की बीमारियां मिली हैं. लेकिन वैज्ञानिक कह रहे हैं कि अभी यह तय करना जल्दबाजी होगी कि क्या आगे जाकर ओमीक्रॉन केवल हल्की बीमारी का कारण बनेगा. रिपोर्ट किए गए लक्षण हल्के थे क्योंकि मामले ज्यादातर कम आयु वर्ग में रिपोर्ट किए गए थे लेकिन अब बड़े आयु वर्ग के लोग भी इसका शिकार बन रहे हैं.