कोविड-19 से बचने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन लगाई जा रही है. इस वक्त हमारे पास वायरस से बचने के लिए केवल वैक्सीन ही उपाय है. हालांकि वैक्सीन भी पूरी तरह से सुरक्षा नहीं देती है. इसे लेकर हाल ही में रिसर्च में सामने आया है कि यह हमें 100 फीसदी तक सुरक्षा नहीं देती है. इंग्लैंड के नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, कोरोना वायरस वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं. वे हमें COVID-19 के खिलाफ सबसे बेहतर सुरक्षा देती हैं. लेकिन संक्रमित व्यक्ति में लॉन्ग टर्म इफेक्ट भी देखे गए हैं.
एनएचएस के मुताबिक, वैक्सीन हमें लॉन्ग टर्म इफ़ेक्ट या इन्फेक्शन से नहीं बचाती है. ये केवल आपको संक्रमित होने पर सीरियस होने से बचाती है. यानि जब भी आपको कोविड-19 होगा तो आपकी हालत ज्यादा खराब नहीं होगी, आप आसानी से ठीक हो जाएंगें.
117 लोगों पर की गई स्टडी
कुल मिलाकर इस स्टडी में 117 लोगों को शामिल किया गया. जिसमें से 111 लोगों का इंटरव्यू लिया गया. उनमें सभी लोगों में से कुल 66 लोगों को पहले कोविड-19 था, इसके अलावा 15 लोगों ने भी अपने इन्फेक्टेड होने की बात को माना. इस स्टडी में भाग लेने वाले 89 प्रतिशत लोगों को कोविड-19 की दोनों वैक्सीन डोज दी जा चुकी थीं. हालांकि, फिर भी उन्होंने ओमिक्रॉन में होने वाले सिम्पटम्स फील किए.
क्या हैं 8 सिम्पटम्स?
रिसर्च में कुछ सिम्पटम्स के बारे में बताया गया है जो किसी भी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड इंसान में देखे गए हैं. इस स्टडी में 8 सिम्पटम्स का जिक्र किया गया है-
1. खांसी
2. बहती नाक
3. थकान
4. गला खराब होना
5. सिर दर्द
6. मांसपेशियों में दर्द
7. बुखार
8. छींक आना
गौरतलब है कि इससे पहले एनएचएस ने कोरोनावायरस के सिर्फ तीन मुख्य लक्षणों के बारे में बताया था, जिसके बाद इसमें 9 और सिम्पटम्स को एड किया. इसके मुताबिक,
1. ठंड लगना
2. लगातार खांसी
3. स्मैल या टेस्ट का जाना
4.सांस लेने में परेशानी
5. थका हुआ महसूस करना
6. शरीर में दर्द
7. सरदर्द
8. गले में खराश
9. बहती नाक
10. भूख में कमी
11. दस्त
12. हर वक्त बीमार महसूस होना