देश में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को देखते हुए भारतीय रेलवे ने जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन और दूसरे बड़े उपकरणों की कमी पूरी करने के लिए कमर कस ली है. जानकारी के मुताबिक, रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल महाप्रबंधकों को कहा गया है कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) के परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकरों और कंटेनरों, ऑक्सीजन संयंत्रों के परिवहन और राज्य सरकारों द्वारा फ्रेट एडवांस स्कीम को लेकर रेलवे के दिशानिर्देश 15 जनवरी तक के लिए थे, लेकिन मौजूदा परस्थितियों के मद्देनजर इसकी समीक्षा की गई और इन दिशानिर्देशों को आगे तीन महीने के लिए बढ़ा गया है.
15 राज्यों के लिए 480 ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई गई थी
भारतीय रेलवे ने जिन राज्यों में ऑक्सीजन की कमी थी, वहां इसकी आपूर्ति के लिए इस साल 18 अप्रैल को ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने की शुरुआत की थी. करीब 480 ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला कर 35000 टन से ज्यादा ऑक्सीजन 15 राज्यों को पहुंचाई गई थी. रेलवे ने इसके अलावा चार हजार से ज्यादा कोचों को कोविड केयर कोच में बदल कर देश के अनेक शहरों में स्टेशनों पर तैनात किया था.
लगातार बढ़ रहे हैं मामले
बता दें कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह 8 बजे के अपडेटेड आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में 6,358 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 3,47,99,691 हो गई है, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या गिरकर 75,456 रह गई है. इस दौरान 293 और मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 4,80,290 हो गई है। पिछले 61 दिन से कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामले लगातार 15,000 से कम रह रहे हैं.
दिल्ली और महाराष्ट्र सबसे आगे
अब तक ओमिक्रॉन के महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 167 मामले पाए गए हैं. इसके बाद दिल्ली में 165, केरल में 57, तेलंगाना में 55, गुजरात में 49 और राजस्थान में 46 मामले सामने आए हैं. भारत के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक ओमिक्रॉन संक्रमण के 653 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 186 लोग ठीक हो चुके हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.