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Organ Donation: एक तरफ डॉक्टरों की प्रार्थना तो दूसरी ओर मुस्लिमों का कलमा… अस्पताल में कुछ ऐसे हुआ ब्रेन डेड मरीज का अंगदान 

इससे पहले, अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 159 अंगदान हो चुके थे. जिसमें मुस्लिम समुदाय की ओर से अब तक दो अंगदान किए गए थे. बता दें, मौजूदा समय में समाज के सभी वर्गों में अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ी है.

Organ Donation (Representative Image) Organ Donation (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • ब्रेन डेड मरीज का हुआ गुप्त अंगदान 

  • दो किडनी और एक लिवर दान में मिले

गुजरात के अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल में 160वां अंगदान (Organ Donation) हुआ है. गुप्त दान के रूप में किए गए 160वें अंगदान की बात करें तो अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में अब तक हुए अंगदानों में मुस्लिम समुदाय की ओर से किया गया यह तीसरा अंगदान है. इसमें दो किडनी और एक लीवर दान में दिया गया है. 

अहमदाबाद में रहने वाले एक 50 वर्षीय मुस्लिम वयस्क का अंगदान हुआ है. एक दुर्घटना में सिर पर गंभीर चोटें आने की वजह से उनके इलाज के लिए उन्हें अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाया गया था. जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने इलाज के दौरान मरीज को ब्रेन डेड घोषित किया था. 

ब्रेन डेड हो चुके मरीज के परिजनों को अंगदान के बारे में जानकारी दी गई थी. जिसके बाद मुस्लिम समाज के परिवार ने ब्रेन डेड मरीज के गुप्त अंगदान की सहमति दी और अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई.

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पहले भी हो चुके हैं अंगदान
इससे पहले अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 159 अंगदान हो चुके थे. जिसमें मुस्लिम समुदाय की ओर से अब तक दो अंगदान किए गए थे. हालांकि, सरकार के साथ-साथ सभी सामाजिक समुदायों के अग्रणियों के प्रयासों से समाज के सभी वर्गों में अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ी है. जिसकी वजह से अहमदाबाद सिविल अस्पताल में हुआ यह 160वां अंगदान मुस्लिम समुदाय की तरफ से होने वाला तीसरा अंगदान था.

मुस्लिम समुदाय की ओर से तीसरा अंगदान
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, सिविल अस्पताल में मुस्लिम समुदाय की ओर से यह तीसरा अंगदान है. यह अंगदान बहुत ही विशेष रहा. अंगदान के समय की जा रही प्रार्थना के दौरान एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. एक तरफ डॉक्टरों की टीम हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही थी तो दूसरी तरफ मुस्लिम परिजन कलमा पढ़ रहे थे. ब्रेन डेड 50 वर्षीय मुस्लिम वयस्क के गुप्त अंगदान से प्राप्त दो किडनी और एक लीवर को सिविल परिसर में स्थित किडनी अस्पताल के जरूरतमंद मरीजों में ट्रांसप्लांट किया जाएगा. 

डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, अंगदान और इसके महत्व को अब समाज के सभी वर्गों, धर्मों और सभी क्षेत्रों के लोगों द्वारा स्वीकृति मिल रही है. इसके कारण अंगदान की समझ सभी समुदायों में स्वीकृत होती जा रही है. इस अंगदान के साथ, सिविल अस्पताल को अब तक 160 अंगदाताओं से कुल 517 अंग प्राप्त हुए हैं, जिसके माध्यम से 501 व्यक्तियों को नया जीवन मिला है.