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Organ Donation: 52 साल के ब्रेनडेड व्यक्ति ने 5 मरीजों को दी नई जिंदगी, दान किया किडनी, लीवर और आंख

Organ Donation: अहमदाबाद के ओढव में ब्रेनडेड मरीज के अंगदान से पांच जरूरतमंदों को नवजीवन मिला. बहन, भतीजे, भांजों ने अंगदान का फैसला लिया. अंगदान से दो किडनी, लीवर, दो आंख और त्वचा प्राप्त हुई.

Organ Donation (Photo-Atul Tiwari) Organ Donation (Photo-Atul Tiwari)
हाइलाइट्स
  • मृत्यु के बाद भी पांच जरूरतमंदों के जीवनदाता बन गए राजू भाई

अहमदाबाद के ओढव में रहने वाले मूल धंधुका के 52 वर्षीय राजू भाई परमार ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुए. राजू भाई परमार को इलाज के लिए अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में एडमिट किया गया. इलाज के दौरान डॉक्टर ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया. जिसके बाद परिवार ने ब्रेन डेड राजू भाई का अंगदान करने का फैसला लिया. अंगदान से दो किडनी, लीवर, दो आंख और त्वचा प्राप्त हुई. मृत्यु के बाद भी राजू भाई पांच जरूरतमंद लोगों के जीवन दाता बन गए.

घरवालों ने अंगदान का लिया फैसला

अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में राजू भाई परमार को 7 अप्रैल को ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के लिए एडमिट किया गया था, लेकिन 8 अप्रैल को डॉक्टर ने राजू भाई के परिवार को बताया कि वें ब्रेन डेड हो चुके हैं. जिसके बाद ब्रांडेड राजू भाई की तीन बहने सजन बेन, जासूबेन, गीताबा, दो भांजे और दो भतीजों ने मिलकर अंगदान करने का फैसला किया.

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राजू भाई के अंगदान से दो किडनी, लीवर, दो आंख और त्वचा प्राप्त हुई. जिसमें से किडनी मेडीसिटी कैंपस स्थित किडनी हॉस्पिटल में, कोर्निया आंख की हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों में प्रत्यारोपण के लिए भेजा गया. राजू भाई की त्वचा सिविल हॉस्पिटल की स्किन बैंक में दान की गई, गंभीर रूप से जलने वाले मरीज या फिर प्लास्टिक सर्जरी वाले मरीजों में ट्रांसप्लांट की जाएगी. 


सिविल हॉस्पिटल में था 149 वां अंगदान

अहमदाबाद स्थित सिविल हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, सिविल हॉस्पिटल में ये 149 वां अंगदान था. इस अंगदान से तीन मरीजों को नवजीवन और दो लोगों को आंखो की रोशनी मिलेगी. इसके अलावा प्राप्त हुई स्किन बुरी तरह से जल चुके मरीज के लिए आशीर्वाद रूप साबित होगा. डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में अब तक 149 अंगदान हुए है. अंगदाताओं की तरफ से 480 अंग दान के स्वरूप में प्राप्त हुए है. जिसके माध्यम से 463 लोगो को जीवनदान और 108 लोगों को दृष्टि लौटाने में सहायता प्राप्त हुई है.