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Organ Donation: जान गंवाकर भी दे गया 4 लोगों को नई जिंदगी, अहमदाबाद में 41 वर्षीय मजदूर ने दान की दोनों Kidney, Heart और Liver

Civil Hospital, Ahmedabad: किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग दान करना अंगदान कहलाता है. अंगदान से बढ़कर कोई दान नहीं है. इसे महादान कहा जाता है. इससे लोगों को नई जिंदगी मिल सकती है. जीवित और मृत दोनों व्यक्ति अंगदान कर सकते हैं.

Civil Hospital, Ahmedabad Civil Hospital, Ahmedabad
हाइलाइट्स
  • अहमदाबाद स्थित सिविल हॉस्पिटल में ब्रेनडेड 156 मरीजों का हो चुका है अंगदान

  • 489 लोगों के जीवन में लौट चुकी है खुशहाली

गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) स्थित सिविल हॉस्पिटल (Civil Hospital) में एक बार फिर गुप्त अंगदान (Organ Donation) किया गया है. मजदूरी का काम करके अपना जीवन गुजर करने वाले 41 वर्षीय पुरुष ने गुप्त अंगदान के जरिए एक लीवर, हार्ट और दोनों किडनी दान की है. इससे चार लोगों को नई जिंदगी मिली है. इस तरह से सिविल हॉस्पिटल में यह 156वां अंगदान हुआ है.

इलाज के लिए लाया गया था सिविल हॉस्पिटल
मजदूर को 11 जून 2024 को एक्सीडेंट होने पर इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल में लाया गया था. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने मरीज को ब्रेनडेड घोषित कर दिया. इसके बाद हॉस्पिटल की तरफ से मरीज ब्रेनडेड होने की जानकारी परिजनों को दी गई. परिजनों को अंगदान के बारें में समझाया गया. इसके बाद मजदूर के घरवालों ने गुप्त अंगदान की अनुमति दी.

 505 अंग हो चुके हैं प्राप्त
अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा कि मजदूरी करने वाले 41 वर्षीय पुरुष के गुप्त अंगदान से प्राप्त होने वाली किडनी और लीवर का प्रत्यारोपण मेडीसिटी कैंपस की किडनी हॉस्पिटल में जरूरतमंद मरीज में किया गया. इसके अलावा हार्ट भी मेडीसिटी स्थित यूऐन महेता हॉस्पिटल में जरूरतमंद मरीज में प्रत्यारोपण किया जाएगा. 

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इस अंगदान के जरिए चार लोगों का जीवन बचाया जा सकेगा. डॉ. जोशी ने कहा, अभी तक अहमदाबाद स्थित सिविल हॉस्पिटल में ब्रेनडेड 156 मरीजों काअंगदान हुआ है. जिसके जरिए 505 अंग प्राप्त हुए हैं और चार स्किन दान में मिली है. इससे कुल 489 लोगों के जीवन में रोशनी लौटने में सफलता प्राप्त हुई है.

शरीर के इन अंगों को किया जा सकता है दान
अंगदान दो तरह से होता है. पहला होता है जीवित अंगदान और दूसरा मृत्यु के बाद अंगदान. अंगदान के लिए बाकायदा वसीयत लिखी जाती है कि मृत्यु के बाद उनके शरीर का कौन-कौन सा हिस्सा दान किया जाएगा. डॉक्टरों के मुताबिक मौत के बाद अंगदान करके एक व्यक्ति कम से कम आठ लोगों की जान बचा सकता है. ब्रेन डेड घोषित होने के बाद सभी अंग डोनेट किए जा सकते हैं. 

इसके लिए परिजनों की स्वीकृति लेना अनिवार्य है. ब्रेन डेड मरीज की किडनी, लीवर, फेफड़ा, पैनक्रियाज, छोटी आंत, वॉयस बॉक्स, हाथ, यूट्रस, ओवरी, फेस, आंखें, मिडिल ईयर बोन, स्किन, बोन, कार्टिलेज, तंतु, धमनी व शिराएं, कोर्निया, हार्ट वाल्व, नर्व्स, अंगुलियां और अंगुठे दान किए जा सकते हैं. जीवित व्यक्ति यकृत (लीवर), गुर्दे (किडनी), फेफड़े और अपनी आंत दान कर सकता है.