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Osimertinib Pill: लंग कैंसर की ये दवा 50 प्रतिशत तक कम करती है मौत का जोखिम

Osimertinib एक ऐसी दवा है जो खास किस्म के लंग कैंसर जैसे कि नॉन स्मॉल सेल को टारगेट करती है. ये लंग कैंसर का सबसे आम प्रकार है. आंकड़ों के मुताबिक, फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है.

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हाइलाइट्स
  • नॉन स्मॉल सेल को टारगेट करती है दवा

  • 26 देशों के लोगों पर की गई रिसर्च

एक नई दवाई लंग कैंसर से होने वाली मौतों को 50 प्रतिशत कम करने का दावा करती है. दशकों तक चले ग्लोबल ट्रायल के बाद ये परिणाम सामने आए हैं. सर्जरी के बाद Astrazeneca द्वारा बनाई गई दवा osimertinib लेने से मरीजों में मौत की आशंका 51 प्रतिशत तक कम देखने को मिली. इस रिसर्च के परिणाम शिकागों में हुए सालाना मीटिंग में अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑनकोलॉजी ने दिखाए.

नॉन स्मॉल सेल को टारगेट करती है दवा
Osimertinib एक ऐसी दवा है जो खास किस्म के लंग कैंसर जैसे कि नॉन स्मॉल सेल को टारगेट करती है. ये लंग कैंसर का सबसे आम प्रकार है. आंकड़ों के मुताबिक, फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में कैंसर से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है. लंग कैंसर से दुनियाभर में 1.8 मिलियन लोग अपनी जान गवां देते हैं. फेफड़ों के कैंसर के ज्यादातर मामलों में धूम्रपान ही कारण रहा है. स्मॉल सेल्स का फेफड़ों का कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और अन्य नॉन-स्मॉल सेल्स के कैंसर के मुकाबले अधिक तेजी से फैलता है. लंग कैंसर तब होता है, जब कैंसर पैदा करने वाले एजेंट फेफड़ों में असामान्य कोशिकाएं बनाने लगते हैं.

26 देशों के लोगों पर की गई रिसर्च
इस रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ. रॉय Herbst कहते हैं, 30 साल पहले हम इन मरीजों के लिए कुछ नहीं कर पाते थे. अब हमारे पास इसकी दवा है. लंग कैंसर जैसी बीमारी में 50 प्रतिशत का दावा बहुत मायने रखता है. ट्रायल में 26 देशों के 30 से 86 साल की उम्र के मरीजों को शामिल किया गया और देखा गया कि क्या ये दवा स्मॉल सेल लंग कैंसर के मरीजों की मदद करती है. सभी मरीजों में EGFR Gene की Mutation देखने को मिली. 

पुरुषों को मुकाबले महिलाओं में ज्यादा आम EGFR Mutation
EGFR Mutation पुरुषों को मुकाबले महिलाओं में ज्यादा आम था और उन लोगों में भी कॉमन था जिन्होंने अपनी जिंदगी में कभी स्मोक नहीं किया था या लाइट स्मोकर्स थे. जो लोग भी लंग कैंसर से पीड़ित हैं उन्हें EGFR Mutation का टेस्ट भी जरूर कराना चाहिए. इन प्रतिभागियों को 5 साल तक osimertinib दवा दी गई. पांच साल के बाद रोजाना पिल लेने 88 प्रतिशत मरीज जीवित थे. वहीं  प्लेसबो ट्रीटमेंट लेने वाले केलव 78 प्रतिशत मरीज ही जीवित थे.

लंग के कैंसर के शुरुआती लक्षण

  • लगातार खांसी

  • खून के साथ खांसी

  • सीने में दर्द

  • बिना वजह वजन में कमी

  • भूख की कमी

  • सांस लेने में दिक्कत

  • कमजोरी

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण दिखने में साल भर का समय लग सकता है.