मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज की दवा ओजेम्पिक और वेगोवी से कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में ये नया शोध प्रकाशित किया गया है.
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मोटापे से जुड़े 13 तरह के कैंसर पर रिसर्च किया. उन्होंने पाया कि सेमाग्लूटाइड लेने वाले लोगों में मोटापे से जुड़े 10 तरह के कैंसर विकसित होने का जोखिम कम था. इनमें एसोफेजियल, कोलोरेक्टल, एंडोमेट्रियल, पेनक्रिएटिक, गॉलब्लैडर, किडनी, लीवर और ओवैरियन जैसे कैंसर शामिल हैं. हालांकि, सेमाग्लूटाइड थायराइड, पेट या ब्रेस्ट कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने से जुड़ा हुआ नहीं पाया गया.
उत्साहजनक हैं परिणाम
न्यू इंग्लैंड कैंसर विशेषज्ञों के साथ फार्मेसी क्लिनिकल सर्विस के डायरेक्टर, फार्मडी, Yoni Resnick का कहना है कि ये परिणाम उत्साहजनक हैं. वे कहते हैं, हो सकता है...ये इन दवाओं से संबंधित हो. जोकि संभावित रूप से कैंसर के खतरे को कम कर सकता है जो कि मोटापे से संबंधित रहे हैं. हम अभी यह समझना शुरू कर रहे हैं कि जीएलपी-1 दवाएं आपके स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डाल सकती हैं.
13 साल तक की गई इस रिसर्च में 1,651,452 मरीजों के मेडिकल डेटा को शामिल किया गया जिन्हें टाइप 2 डायबिटीज की दवा GLP-1 दी गई थी.
कुछ कैंसरों का खतरा 65% तक कम
शोध टीम ने पाया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इंसुलिन लेने वाले लोगों की तुलना में जीएलपी-1 दवाएं लेने से कई तरह के कैंसर का खतरा कम हो गया था.
पित्ताशय के कैंसर का खतरा 65% कम हो गया.
meningioma का खतरा 63% कम हो गया.
अग्नाशय के कैंसर का खतरा 59% कम हो गया.
लीवर कैंसर का खतरा 53% कम हो गया.
ओवेरियन कैंसर का खतरा 48% कम हो गया.
कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा 46% कम हो गया.
मल्टीपल मायलोमा का खतरा 41% कम हो गया.
एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा 26% कम हो गया.
किडनी के कैंसर का खतरा 24% कम हो गया.
इस दवा के दुष्प्रभाव भी हैं
हालांकि इस दवा के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं. पिछले दिनों एक और रिसर्च की गई थी, जिसमें कहा गया था कि वजन घटाने और डायबिटीज के लिए दी जाने वाली दवा ओजेम्पिक (Ozempic) या वेगोवी का संबंध Blindness से है. बता दें, सेमाग्लूटाइड को टाइप 2 टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए विकसित किया गया था लेकिन हाल के दिनों में इसका इस्तेमाल वजन कम करने के लिए भी किया जा रहा है.