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12 से 15 साल के बच्चों में 4 महीने बाद भी Pfizer वैक्सीन है 100 प्रतिशत प्रभावी, जल्द मिल सकता है Full approval

इस नए डेटा के लिए 2,228 वालंटियर्स को शामिल किया गया, जिसमें पाया गया कि यह वैक्सीन चार महीने बाद भी शत प्रतिशत प्रभावी है. कंपनी के अनुसार ये डेटा अमेरिका और दुनिया भर में वैक्सीन के फुल अप्रूवल (Full Approval) में मदद करेगा.

Photo: PTI Photo: PTI
हाइलाइट्स
  • इस नए डेटा के लिए 2,228 वालंटियर्स को शामिल किया गया

  • मई में मिला था Pfizer vaccine को इमरजेंसी अप्रूवल

  • बच्चों में नहीं देखा गया कोई साइड इफ़ेक्ट

फाइजर वैक्सीन को जल्द ही बच्चों की वैक्सीन के लिए फुल अप्रूवल मिल सकता है. कंपनी का दावा है कि उनकी वैक्सीन 4 महीने बाद भी शत प्रतिशत प्रभावी है. फाइजर (Pfizer) और बायोएनटेक (BioNTech) ने सोमवार को कहा कि उनकी कोविड -19 वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों में दूसरी डोज के चार महीने बाद भी 100% तक प्रभावी है.

इस नए डेटा के लिए 2,228 वालंटियर्स को शामिल किया गया, जिसमें पाया गया कि यह वैक्सीन चार महीने बाद भी शत प्रतिशत प्रभावी है. कंपनी के अनुसार ये डेटा अमेरिका और दुनिया भर में वैक्सीन के फुल अप्रूवल (Full Approval) में मदद करेगा.  

बच्चों में नहीं देखा गया कोई साइड इफ़ेक्ट 

कंपनी ने बताया कि दूसरी डोज के छह महीने के बाद भी बच्चों में किसी प्रकार का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं देखा गया. फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बौर्ला ने कहा, "चूंकि वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय दुनिया भर में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए काम करता है, ऐसे में ये अतिरिक्त डेटा किशोरों में हमारे टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता को लेकर आधी विश्वास पैदा करेगा.” 

उन्होंने आगे कहा कि कुछ जगहों पर इस आयु वर्ग में कोविड-19 के मामलों में तेजी देखी गयी है और वैक्सीनेशन की रफ़्तार भी धीमी हो गई है. हम इन आंकड़ों को FDA और अन्य रेगुलेटर्स के साथ साझा करने वाले हैं. 

मई में मिला था इमरजेंसी अप्रूवल 

गौरतलब है कि फाइजर और बायोएनटेक द्वारा निर्मित वैक्सीन को मई में अमेरिका में इमरजेंसी अप्रूवल दिया गया था, लेकिन अब कंपनी इसके फुल अप्रूवल के लिए प्रयास कर रही है. वर्तमान में ये वैक्सीन केवल 16 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए में पूरी तरह से स्वीकृत (Fully Approved) है.

क्या पाया गया शोध में?

शोध में शामिल किये गए 2,228 वालंटियर्स में से, 30 ऐसे थे जो कोविड-19 सिम्पटमैटिक (symptomatic) थे, इन सभी को प्लेसीबो (Placebo) ग्रुप में रखा गया था. शोष में पाया गया कि यह वैक्सीन 100 प्रतिशत तक प्रभावी है.