भारत में कोरोना महामारी ( Covid Pandemic ) के बाद लोगों में तनाव के मामले तेजी से बढ़े हैं. पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) के अनुसार, तनाव में बढ़ोत्तरी के मामले खासतौर पर किशोरावस्था के छात्रों के दिखने को मिले है. डॉक्टर का कहना है कि महामारी के दौरान बाहरी दुनिया से संपर्क ना रहने के कारण लोगों में तनाव की समस्या में इजाफा हुआ है.
कोरोना के बाद लोगों के मानसिक तनाव में इजाफा
गुड न्यूज टुडे से खास बातचीत करते हुए पीजीआई के मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉक्टर वासु ने बताया कि महामारी और covid के दौरान जिस तरह से एकाएक सभी लोगों को चार दिवारी के अंदर रहना पड़ा था और उसके बाद बाहरी दुनिया से कुछ समय तक संपर्क टूट गया था. उसका असर मानसिक तनाव ( Mental Stress ) के तौर पर किशोरावस्था के छात्र-छात्राओं को देखने में मिला है.
पीजीआई चंडीगढ़ ने बताई तनाव की वजह
प्रोफेसर बसु ने बताया कि सभी छात्र-छात्राओं का सोशल रिश्ता कुछ समय के लिए बाहरी दुनिया से टूट गया था, जहां पर वह अपने स्कूल के सहपाठियों और दोस्तों के साथ खेलने बात करते थे उसमें एकाएक कमी आ गई और उनमें तनाव बढ़ने लगा.
करियर को लेकर किशोरों में स्ट्रेस
पीजीआई चंडीगढ़ में मनोचिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर अखिलेश शर्मा ने बताया कि आज के इस दौर में युवा पीढ़ी के ऊपर कई तरह का मानसिक दबाव हैं, इस दौर में चाहे कंपटीशन में अव्वल आना, अच्छी नौकरी पाना, अच्छे रैंक लाना, यह तमाम चीज भी युवाओं को तनाव की तरफ धकेल रही हैं.