पानी जीवन का आधार है. आज बहुत सी हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण है लोगों का पर्याप्त पानी न पीना. कहीं भी जाते समय बहुत जरूरी है कि आप पानी की बोतल अपने साथ रखें और समय-समय पर पानी पीते रहें. हालांकि, आजकल पानी की बोतलों को लेकर भी एक डिबेट शुरू हो गई है. दरअसल, एक हालिया स्टडी से पता चला है कि प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने से माइक्रोप्लास्टिक हमारे शरीर में जा रहे हैं.
Proceedings of the National Academy of Sciences (PNAS) जर्नल में पब्लिश, एक स्टडी से खुलासा हुआ कि प्लास्टिक की बोतल में एक लीटर पानी में औसतन 2,40,000 प्लास्टिक फ्रेग्मेंट्स (प्लास्टिक के अतिसुक्ष्म कण) मौजूद होते हैं. ये ज्यादातर नैनोपार्टिकल होते हैं जो मानव कोशिकाओं के अंदर तक पहुंच कर ब्लडस्ट्रीम में जाने में सक्षम होते हैं. कोलंबिया के रिसर्चर्स की यह स्टडी इस बात पर सवाल खड़ा करती है कि बोतलबंद पानी हमारे लिए कितना सुरक्षित है.
प्लास्टिक बोतलों में बंद पानी में मिला नैनोप्लास्टिक
प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना बहुत ही सामान्य बात है. लेकिन यह आपके लिए बहुत हानिकारक हो सकता है. रिसर्चर्स के मुताबिक, एक लीटर बोतलबंद पानी में 1,10,000 से 3,70,000 छोटे प्लास्टिक कण मिले, जिनमें से 90% नैनोप्लास्टिक थे. कोलंबिया के बायोफिजिसिस्ट वेई मिन ने इस स्टडी को करने वाले रिसर्चर्स में से एक हैं. उन्होंने एक लीटर बोतलबंद पानी में औसतन 2,40,000 प्लास्टिक के टुकड़ों की पहचान की है.
बात आकार की करें तो 1 माइक्रोमीटर से भी छोटे ये नैनोप्लास्टिक हमारे डाइजेशन और रेस्पिरेटरी सिस्टम में पहुंच सकते हैं और यहां से ब्लड में जा सकते हैं. गर्भवती महिलाओं के मामले में प्लेसेंटा के जरिए अजन्मे शिशुओं के शरीर सहित महत्वपूर्ण अंगों में जमा हो सकते हैं. पानी में ये कण प्लास्टिक की बोतल से ही पहुंचते हैं. इस स्टडी के लिए एक लेटेस्ट लेजर तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिससे पता चला की पानी में नैनोप्लास्टिक कण मौजूद हैं.
सेहत के लिए रिस्की है नैनोप्लास्टिक
इंसान के बाल की चौड़ाई के सत्तरवें हिस्से से भी छोटे आकार के बावजूद, नैनोप्लास्टिक हमारी सेहत क लिए बहुत हानिकारक है. Impact of Microplastics and Nanoplastics on Human Health नामक एक स्टडी के अनुसार, नैनोप्लास्टिक प्रमुख अंगों में सेल्स और टिश्यू में पहुंचकर शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इनसे होने वाले नुकसान की बात करें,
प्लास्टिक बोतलों के अलावा क्या हैं दूसरे विकल्प
प्लास्टिक की पानी की बोतलें आमतौर पर पॉलीप्रोपाइलीन और कोपोलिएस्टर से बनी होती हैं और अपनी कम लागत और उपलब्धता के कारण पॉपुलर हैं. साथ ही, प्लास्टिक की बोतलें हल्की और ज्यादा चलने वाली होती हैं इसलिए लोगों के लिए ये सबसे आसान विकल्प हैं. लेकिन ये जितना आसान विकल्प हैं उतनी ही शरीर के लिए हानिकारक हो सकती हैं. प्लास्टिक बोतलों के कंपोनेंट्स में BPA और अन्य हानिकारक तत्व होने से, ये बोतलें हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती हैं.
इन बातों को ध्यान में रखते हुए अब ज्यादातर लोग दूसरे विकल्पों को अपना रहे हैं. हालांकि, किसी भी ग्रेड के प्लास्टिक से बनी बोतलों को आपको कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए. इसकी बजाय आप स्टील, तांबे या कांच की पानी की बोतलें इस्तेमाल कर सकते हैं. आजकल स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतलें एक अच्छा विकल्प बनकर सामने आ रही हैं.
क्यों बेहतर विकल्प हैं स्टील की बोतलें
1. पर्यावरण के अनुकूल: स्टेनलेस स्टील आसानी से रिसायकल किया जा सकता है क्योंकि यह सिर्फ प्राकृतिक धातुओं से बना है, जो इसे एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प बनाता है. ऐसे में, प्लास्टिक और कांच की पानी की बोतलों के बजाय स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतलें चुनने से सीधे तौर पर पर्यावरण को मदद मिलती है.
2. सालोंसाल चलती हैं: कमजोर प्लास्टिक और नाजुक कांच की पानी की बोतलों की तुलना में, स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतलें लंबा चलती हैं. ये आसानी से नहीं टूटती हैं और साफ करने में भी आसान रहती हैं.
3. केमिकल फ्री होती हैं: लोहा, क्रोमियम और निकल का मिश्र धातु होने के कारण, स्टेनलेस स्टील में कोई हानिकारक रसायन नहीं होता है और यह BPA से पूरी तरह मुक्त होता है. वहीं, प्लास्टिक की पानी की बोतल में सतह से निकलने वाले केमिकल पानी को टॉक्सिक कर देते हैं.
4. तापमान कंट्रोल: ज्यादातर स्टेनलेस स्टील की बोतलें आज दोगुनी इंसुलेटेड आती हैं, जिससे अंदर का लिक्विड 8 घंटे तक गर्म और 12 घंटे तक ठंडा रहता है. इससे आप ठंड के दिनों में गुनगुने पानी या अपनी गर्मियों की पिकनिक पर ठंडा पानी पी सकते हैं.
स्टील की बोतलों के अलावा, तांबे और कांच की बोतलें भी इस्तेमाल की जा सकती हैं. पिछले कुछ समय से लोग मिट्टी की बोतलें भी खरीद रहे हैं. हालांकि, मिट्टी की बोतलों के साथ ट्रेवल मुश्किल हैं. इनका इस्तेमाल घर के लिए ठीक है. लेकिन प्लास्टिक की बोतलें इस्तेमाल करने से हर हाल में बचना चाहिए.