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PMBJP: आज देशभर में 8600 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र, मिलती हैं 1616 प्रकार की सस्ती दवाएं, जानें कैसे आपकी जेब का बोझ हो रहा है कम

आमजन को सस्ती और किफायती दवाएं मुहैया करा रहे जनऔषधि केंद्रों के चलते लोगों की जेब पर मेडिकल सुविधाओं का बोझ कम हुआ है. आज देश में 8600 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र मौजूद हैं.

PMBJP Scheme (Photo: Twitter and Unsplash) PMBJP Scheme (Photo: Twitter and Unsplash)
हाइलाइट्स
  • फार्मास्यूटिकल्स विभाग की प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP)

  • देशभर में 8675 जनऔषधि केंद्र

  • मिलती हैं 1616 तरह की दवाएं

मात्र 6-7 रुपए में बीपी की दवाई और सिर्फ 10 रुपए में 10 सैनिटरी नैपकिन को पैक, अगर आपको मिले तो यह किसी अचम्भे से कम नहीं. क्योंकि भारत में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं किफायती हो सकती हैं, इस बात पर यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन अपनी दुनिया से थोड़ा-सा बाहर निकल अगर हम इससे जुड़े आंकड़ों को देखें तो पता चलेगा कि जनऔषधि केंद्रों के होने से बहुत सी जरूरी दवाएं और सुविधाएं आम लोगों के लिए सस्ती हुई हैं.   

जी हां, देशभर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं. सरकार के आंकड़ों की माने तो अब तक जनऔषधि केंद्रों के चलते आम जनता के 13,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है. इसलिए आज विस्तार से जानते हैं PMBJP योजना के बारे में. 

क्या है प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP)

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की शुरूआत भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने की है. इसका उद्देश्य कुछ विशेष केंद्रों के जरिए जनता को सस्ती और किफायती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता की दवाइयां उपलब्ध कराना है. आमजन तक दवाएं पहुंचा रहे ये केंद्र, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र के रूप में जाने जाते हैं. 

इन केंद्रों के जरिए जेनेरिक दवाएं लोगों को कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं. अब सवाल है कि ये जेनेरिक दवाएं क्या हैं और ये क्यों सस्ती हैं? क्या इनकी क्वालिटी महंगी ब्रांडेड दवाओं से कम है?

प्रभावी होती हैं जेनेरिक दवाएं 

जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाएं नहीं होती हैं पर वे ब्रांडेड दवाओं की तरह ही समान रूप से सुरक्षित और प्रभावी होती हैं. दरअसल, जेनेरिक दवाएं किसी ब्रांड नाम नहीं बल्कि अपने सॉल्ट के नाम से मार्केट में जानी जाती हैं. वैसे तो कुछ दवाओं के ब्रांड नाम भी होते हैं पर ये सस्ता होने के कारण जेनेरिक दवाओं में ही शामिल होती हैं. 

किसी कंपनी के पास जब सॉल्ट मिश्रण और उत्पादन का एकाधिकार समाप्त हो जाता है तब उन्हीं के फार्मूले और सॉल्ट के प्रयोग से जेनरिक दवाएं बनाई जाती हैं. इन्हें अलग से कोई ब्रांड नाम नहीं देते हैं और ये अपने सॉल्ट नाम से जानी जाती हैं. इसलिए इनमें सिर्फ पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग का अंतर होता है, क्वालिटी एकदम सही होती है. 

80 जनऔषधि केंद्रों से 8675 जनऔषधि केंद्रों तक का सफर 

एक नजर अगर इस योजना के सफर पर डालें तो पता चलेगा कि इसकी शुरूआत साल 2008 में हुई थी. उस समय योजना का नाम जनऔषधि योजना था और इसे औषधि विभाग ने शुरू किया था. पर तब यह योजना बहुत बड़े स्तर पर लागू नहीं हो पाई. 2014 तक देश में सिर्फ 80 जनऔषधि केंद्र थे. 

साल 2015 में इस योजना को एक बार फिर नए सिरे से लागू किया गया. इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना किया गया और फिर 2016 में इसका नाम प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) हो गया. इसके तहत देशभर में जनऔषधि केंद्र खोलने पर फोकस किया गया. 

साथ ही, लगातार प्रयास किए गए कि लोगों को जनऔषधि केंद्रों और जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूक किया जाए. आज देशभर में 8675 जनऔषधि केंद्रों का अच्छे से संचालन किया जा रहा है. 

जन-जन की सेवा भी, रोजगार भी

फिलहाल, जनऔषधि केंद्रों से आप 1616 प्रकार की दवाएं और 250 अलग-अलग मेडिकल डिवाइस जैसे ऑक्सीमीटर, ग्लुकोमीटर आदि सस्ते दामों पर ले सकते हैं. ब्लड शुगर को ठीक रखने के लिए दी जाने वाली दवा ग्लिमेपिरिडे (Glimepiride) की एक स्ट्रिप जनऔषधि केंद्र से आप 5 रुपए में ले सकते हैं. जबकि इसका मार्केट रेट 100 रुपए से ज्यादा है. 

इसी तरह, आप बीपी, कॉलेस्ट्रोल आदि की दवा भी बहुत ही किफायती दामों पर ले सकते हैं. इसके अलावा, इस योजना के तहत लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. क्योंकि अगर कोई केंद्र खोलने के लिए आवेदन करता है और उन्हें अनुमति मिल जाती है तो उन्हें सरकार 50 हज़ार रूपये की दवाइयां अग्रिम रूप से देती है. 

साथ ही,  2 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता सरकार कर रही है और केंद्र चलाने वालों को इंसेटिव भी दिया जाता है. इसलिए यह योजना लोगों के लिए अच्छा रोजगार भी है और महिलाएं, दिव्यांग और एससी, एसटी को इसके लिए प्राथमिकता मिलती है. 

इस तरह ढूंढें जनऔषधि केंद्र

अगर आप अपने शहर में या अपनी लॉकेशन के आसपास जनऔषधि केंद्र का पता जानना चाहते हैं तो इसके लिए आप Jan Aushadhi Sugam मोबाइल एप अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड कर सकते हैं. मोबाइल एप के माध्यम से आप आसानी से अपने आसपास या अपने शहर में जनऔषधि केंद्र लोकेट कर सकते हैं.