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62 साल की उम्र में भी लोगों को बीमारी से बचाने के लिए उठा रहे हैं कदम, गली-गली जाकर खुले नालों में कर रहे हैं दवा का छिड़काव

उस क्षेत्र के दुकानदारों और ऑटो रिक्शा चालकों ने बताया कि इससे काफी फायदा हुआ है. उन्होंने बताया कि जब से जैकब ने ये कदम उठाया है तब से इलाके में मच्छरों की आबादी में कमी आई है. वे साप्ताहिक रूप से मच्छर भगाने वाली दवाई का छिड़काव करने के लिए हॉटस्पॉट्स का दौरा करते हैं.

62 साल की उम्र में कर रहे हैं मच्छर मारने की दवा का छिड़काव 62 साल की उम्र में कर रहे हैं मच्छर मारने की दवा का छिड़काव
हाइलाइट्स
  • इलाके में आई है मच्छरों में कमी

  • खुले नालों में करते हैं कीटनाशकों का छिड़काव

कहते हैं बूंद-बूंद से घड़ा भरता है. एक आदमी भी अगर कुछ बदलना चाहे तो वह बदल सकता है. अब एक ऐसा ही वाकया कोचीन पोर्ट से सामने आया है, जहां एक शख्स अपने क्षेत्र में मच्छरों से होने वाली बीमारी से लोगों को बचा रहे हैं.  फायर डिपार्टमेंट के एक रिटायर्ड कर्मचारी पीपी जैकब अपने क्षेत्र में मच्छरों के खतरे से लड़ने के लिए कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं. 

खुले नालों में करते हैं कीटनाशकों का छिड़काव 

पल्लूरुथी के रहने वाले पीपी जैकब सुबह की सैर के लिए जाते समय एक हैंडपंप लेकर जाते हैं और मच्छरों को मारने के लिए रास्ते में खुले नालों में कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं. जैकब कहते हैं, “मुझे कीटनाशकों का छिड़काव शुरू किये हुए अभी एक महीना ही हुआ है. क्षेत्र में मच्छरों के खतरे के बारे में मेरे कई करीबी दोस्त ने मुझे बताया था, इसलिए मैंने इसे समाज सेवा के रूप में शुरू किया है.”

इलाके में आई है मच्छरों में कमी 

उस क्षेत्र के दुकानदारों और ऑटो रिक्शा चालकों ने बताया कि इससे काफी फायदा हुआ है. उन्होंने बताया कि जब से जैकब ने ये कदम उठाया है तब से इलाके में मच्छरों की आबादी में कमी आई है. वे साप्ताहिक रूप से मच्छर भगाने वाली दवाई का छिड़काव करने के लिए हॉटस्पॉट्स का दौरा करते हैं.

जैकब रोजाना सुबह दो घंटे टहलते हैं और मच्छर भगाने वाली दवाई का छिड़काव करते हैं. धीरे-धीरे, लोगों ने उन्हें फोन करना शुरू कर दिया, और अपने इलाके में रेपेलेंट स्प्रे करने का अनुरोध किया. लोग उनके काम की सराहना करते हैं और उनकी मदद के लिए आगे आए हैं.  62 साल की उम्र में भी जैकब लोगों को बीमारी से बचाने के लिए ये कदम उठा रहे हैं.

अपने पैसों से खरीदी मच्छर मारने की दवाई 

जैकब बताते हैं कि पहले, मच्छर केवल शाम के ही कुछ घंटों में मौजूद थे. अब यह हर समय हैं. इनका कुछ न कुछ करना ही होगा. जिसके बाद मैंने अपने पैसे से स्प्रेइंग गियर और कीटनाशक खरीदे, ताकि लोगों को इससे छुटकारा दिलाया जा सके. 

उन्होंने बताया, “केमिकल और उपकरण खरीदने में मुझे लगभग 4,000 रुपये का खर्च आया. मेरी गतिविधि को देखने के बाद, कुछ लोग मेरी मदद के लिए आगे आए और मेरे लिए कीटनाशक खरीदे.” 

वे कहते हैं, "मैं कम से कम समाज के लिए यह तो कर सकता हूं. ऑटो रिक्शा चालकों और दुकानदारों ने शुरू में मुझसे संपर्क किया. मेरा मकसद युवा पीढ़ी के लिए एक उदाहरण स्थापित करना है. फालतू की चीजों पर पैसा बर्बाद करने के बजाय, उन्हें उनपर खर्च करना चाहिए जो सामाजिक मुद्दों को हल करेंगे.”