scorecardresearch

Gas Cooker and Asthma: प्रेशर कुकर की गैस का है अस्थमा से कनेक्शन, जानें किस तरह पहुंचा रही हमारी हेल्थ को नुकसान

वैज्ञानिकों ने पाया कि गैस कुकर पर निर्भर रहने वाले परिवारों में इलेक्ट्रिक कुकर का उपयोग करने वालों की तुलना में NO2 का स्तर लगभग दोगुना था. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड को सांस के लिए काफी प्रदूषक माना जाता है

प्रेशर कुकर प्रेशर कुकर
हाइलाइट्स
  • नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का लेवल ज्यादा पाया गया है 

  • स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रभाव 

प्रेशर कुकर हमारे किचन का सबसे अहम हिस्सा है. लेकिन ये आपको नुकसान पहुंचा सकता है. जी हां, डच वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट ने यूरोपीय घरों में एक चिंताजनक मुद्दे के बारे में बताया है. इस रिपोर्ट में गैस कुकर को अस्थमा से जोड़कर देखा गया है. इसकी गैस में बचपन के अस्थमा से जुड़े जहरीले कण पाए गए हैं. इतना ही नहीं बल्कि इससे घर की हवा भी प्रदूषित होती है. 

इस स्टडी में, 247 घरों में हवा की गुणवत्ता मापी गई, गैस कुकर का उपयोग करने वाले घरों और बिजली के विकल्पों का उपयोग करने वाले घरों के बीच नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) के स्तर में भारी असमानताएं सामने आईं.

NO2 का लेवल ज्यादा पाया गया है 

डच वैज्ञानिकों ने पाया कि गैस कुकर पर निर्भर रहने वाले परिवारों में इलेक्ट्रिक कुकर का उपयोग करने वालों की तुलना में NO2 का स्तर लगभग दोगुना था. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड को सांस के लिए काफी प्रदूषक माना जाता है. और तो और, गैस कुकर वाले चार घरों में से एक ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जो प्रति घंटा प्रदूषण की लिमिट सेट की है उसको भी पार कर लिया. जबकि जो लोग इलेक्ट्रिक कुकर का उपयोग करते हैं उनके घर में ऐसा नहीं पाया गया है. 

स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रभाव 

गैस पर जब खाना पकाया जाता है उसमे हम फ्यूल का इस्तेमाल करते हैं, जो NO2 जैसे प्रदूषक छोड़ता है. ये हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. हालांकि, गैस कुकर और बचपन में होने वाले अस्थमा के बीच संबंध कुछ समय से देखा जा रहा है, लेकिन अभी तक इसका कोई प्रूफ नजर नहीं आया है. लेकिन ये स्टडी कहीं न कहीं इन दोनों के बीच के रिलेशन को बता रही है. 

स्टडी में की गई हैं सिफारिशें 

इस स्टडी के आ जाने के बाद गैस कुकर को लेकर कुछ सिफारिशें की गई हैं- 

1. कड़े सरकारी नियम: सरकारों को घर के अंदर वायु प्रदूषण को सीमित करने के लिए खाना पकाने के उपकरणों को कंट्रोल  करने वाले नियम बनाने चाहिए. 

2. इलेक्ट्रिक कुकर में बदलाव: गैस पर खाना पकाने के दौरान निकलने वाले प्रदूषक तत्वों को कम करने के लिए लोगों को इलेक्ट्रिक कुकर पर खाना बनाने के लिए कहा जाना चाहिए.

3. बेहतर वेंटिलेशन: अच्छी तरह से डिजाइन किए गए वेंटिलेशन वाले घरों में कुकर से कम नुकसान पहुंचता है. इससे प्रदूषक तत्व कम होते हैं.