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Brain Eating अमीबा से 15 साल के लड़के की मौत: PAM क्या है? क्या गंदे पानी से फैलती है ये बीमारी?

15 साल के लड़के को स्वीमिंग करते समय प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) हो गया था. इस अमीबा के जरिए ब्रेन इंफेक्शन तभी होता है जब ये नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है.

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हाइलाइट्स
  • नाक के जरिए शरीर में घुसता है अमीबा

  • पीएएम गंदा पानी पीने से नहीं फैलता है.

केरल के अलाप्पुझा जिले में 'दिमाग खाने वाले' अमीबा से संक्रमित होने के बाद एक 15 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. गुरुदत्त नाम के लड़के को प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस इंफेक्शन के बाद 1 जुलाई को अलाप्पुझा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भर्ती कराया गया, लेकिन लड़के की जान नहीं बचाई जा सकी. पनावली में एक झरने में नहाने के बाद वह इसकी चपेट में आ गया था. उसे बुखार और दौरे पड़े थे. ये अमीबा नाक के जरिए उसके शरीर में घुसा था.

पीएएम क्या है?

पीएएम नेगलेरिया फाउलेरी नामक अमीबा के जरिए फैलता है. ये अमीबा मुख्य रूप से झीलों, नदियों के ताजे पानी में रहता है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक इस अमीबा के जरिए ब्रेन इंफेक्शन तभी होता है जब ये नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. एक बार संक्रमित होने के बाद पीएएम आमतौर पर जानलेवा ही होता है. हालांकि कुछ लोगों का एम्फोटेरिसिन बी, एज़िथ्रोमाइसिन, फ्लुकोनाज़ोल, रिफैम्पिन, मिल्टेफोसिन और डेक्सामेथासोन जैसी दवाओं के जरिए इलाज किया जा चुका है.

क्या लक्षण हैं?

यूएस सीडीसी के अनुसार, पीएएम के लक्षण बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के साथ ओवरलैप हो सकते हैं. इस बीमारी के ध्यान देने वाले लक्षणों में बुखार, सिरदर्द (खासकर सिर के सामने वाले हिस्से), उल्टी, मतली और दौरे शामिल है. इसके अलावा गर्दन में अकड़न, उलझन महसूस होना, चक्कर आना जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं.

कैसे करें इस जानलेना बीमारी से बचाव

पीएएम गंदा पानी पीने से नहीं फैलता है. ये अमीबा रुके हुए साफ पानी में (जुलाई, अगस्त, सितंबर के महीने में) होता है और ज्यादातर नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. इसलिए नदी, तालाब, झरनों या फिर स्वीमिंग पूल में नहाने से बचें. जब इंसान साफ पानी के अंदर अपना मुंह डालता है तब ये अमीबा शरीर में प्रवेश कर जाता है. नाक के जरिए ये सीधा दिमाग तक पहुंच जाता है और कोशिकाओं को खाने लगता है. PAM ज्यादातर मामलों में जानलेवा होता है.