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Therapy for Hair loss: गंजापन दूर करने की नई तकनीक, हेयर ट्रांसप्लांट से सस्ती और कम दर्दनाक है ये थेरेपी

Therapy for Hairloss: युवाओं को अब घबराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (PRP) से गंजापन दूर किया जा सकता है. दरअसल, ये दावा इंदौर शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का है.

Therapy for Hair loss Therapy for Hair loss
हाइलाइट्स
  • पीआरपी थेरेपी है कारगर 

  • पीआरपी में कम खर्च आता है

  • कई दूसरे इलाज में होता है पीआरपी थेरेपी का इस्तेमाल 

दुनिया भर में बालों को लेकर महिला या पुरुष सभी परेशान हो रहे हैं. बढ़ते गंजापन और बाल झड़ने की परेशानी आम हो गई है. जिसको रोकथाम के लिए युवा कई बार केमिकल युक्त तेल व आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कुछ भी काम नहीं आ रहा है. वहीं अगर कोई हेयर ट्रांसप्लांट करवाए तो उसमें खर्चा बहुत ज्यादा आता है जो आम इंसान के बस की बात नहीं है. लेकिन प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (PRP) से गंजापन दूर किया जा सकता है. दरअसल, ये दावा इंदौर शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का है.

पीआरपी थेरेपी है कारगर 

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाई और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के त्वचा व चर्म रोग विभाग में यह सुविधा लोगों का गंजापन और गिरते बालों को रोकने में कारगर साबित हो रही है. कम उम्र में बालों के झड़ने से डिप्रेशन तक का शिकार हो रहे हैं. इसको लेकर इंदौर शहर के एमवाई अस्पताल में पीआरपी थेरेपी दी जा रही है. 

इंदौर के प्रोफेसर व चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राहुल नागर के अनुसार पीआरपी थेरेपी अब सरकारी अस्पतालों में किया जा रहा है. शहर में बालों का बड़ा बाजार देखने को देखने को मिल रहा है. जहां हेयर ट्रांसप्लांट से लेकर बालों को नए उगाने के लिए तमाम तरह के तेल, जेल और दवाइयों सहित अन्य केमिकल युक्त उत्पाद बिक रहे हैं. ताकि बालों के झड़ने की समस्या से निजात मिल सके, वहीं ऐसे में पीआरपी थेरेपी से लोगो को गंजेपन से राहत मिल रही है. 

हेयर ट्रांसप्लांट से कैसे अलग है ये थेरेपी?

डॉ राहुल नागर की मानें, तो पीआरपी और हेयर ट्रांसप्लांट दोनों में अंतर होता है. हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है और जिसमें आप बालों को एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसप्लांट करते हैं. वहीं पीआरपी में अलग से बाल नहीं लगाए जाते हैं बल्कि जो आपके बाल शरीर पर हैं उन्हीं को बढ़ाने पर काम होता है. अगर नए बाल आने की संभावना है तो आ जाते हैं. दोनों का प्रभाव और इलाज अलग-अलग होता है. दर्द की बात करें, तो हेयर ट्रांसप्लांट में सुन्न करके ट्रीटमेंट किया जाता है. लेकिन पीआरपी में हल्का दर्द होता है. 

कितना आता है खर्च? 

खर्च की बात करें हेयर ट्रांसप्लांट की तुलना में पीआरपी में कम खर्च आता है. डॉ नागर ने बताया कि वैसे तो पीआरपी थेरेपी करते हुए काफी समय हो गया है. युवाओं में फिलहाल बाल गिरने की समस्या काफी बढ़ गई है. पीआरपी का रिजल्ट भी काफी बेहतर मिल रहा है. पीआरपी में ब्लड सेल्स के जरिए बालों को ग्रोथ की जाती है. इसमें किसी दूसरे व्यक्ति के प्लेटलेट इस्तेमाल नहीं किए जाते. व्यक्ति का 20 से 50 एमएल ब्लड लिया जाता है फिर उसको प्रोसेस करने की प्रक्रिया होती है. 

कई दूसरे इलाज में होता है पीआरपी थेरेपी का इस्तेमाल 

पीआरपी थेरेपी का कई इलाज में उपयोग होता है. गहरे जख्मों को भरने में इसका उपयोग किया जाता था. लेकिन आज उसका स्किन के अलावा भी कई दूसरी तरह से उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा, चेहरे के दाग धब्बों में सर्जरी में रिजल्ट बढ़ाने में इसका उपयोग किया जाता है. मोटे तोर पर पहले पीआरपी थेरेपी शरीर के दाग-धब्बे हटाने के लिए उपयोगी होती थी, लेकिन आज बड़ी मात्रा में लोग बालों को झड़ने से बचाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इंदौर के मेडिकल कॉलेज में 5 से 7 लोगों की पीआरपी थेरेपी प्रतिदिन की जा रही है जिसका खर्च 250-300 रुपए आता है. 

(रिपोर्ट- धर्मेन्द्र कुमार शर्मा)