देश में पहली बार किसी राज्य में ब्लाइंडनेस कंट्रोल पॉलिसी लाई जाएगी. राजस्थान सरकार ‘राइट टू साइट’ विजन के साथ इस पॉलिसी को लागू करने की योजना बना रही है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को ब्लाइंडनेस कंट्रोल पॉलिसी का डॉक्यूमेंट जारी किया गया. राज्य में तीन लाख से अधिक दृष्टिबाधिता लोगों के जीवन ये रोशनी लाने का करेगी. बता दें, देश में साल 2020 में अंधता प्रसार दर 1.1 प्रतिशत थी, जिसे राइट टू साइट विजन पॉलिसी के साथ 0.3 प्रतिशत तक लाने की दिशा में काम किया जा रहा है.
केराटोप्लास्टी सेंटर एवं आई बैंक खोले जाएंगे
राज्य सरकार की ब्लाइंडनेस कंट्रोल पॉलिसी के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से केराटोप्लास्टी सेंटर और आई बैंक संचालित किए जाएंगे. इस पॉलिसी के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले प्राइवेट संगठनों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा इकठ्ठा किया गया कॉर्निया को प्राथमिकता से सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा.
नेत्रदान के लिए चलाई जाएगी मुहिम
इसके लिए इस क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ, ट्रस्ट, अस्पतालों और दूसरी चैरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर प्रयास किए जाएंगे. इसके अलावा, राज्य सरकार प्राइवेट संस्थाओं के साथ मिलकर बड़े लेवल पर नेत्रदान के लिए मुहीम चलाएगी. नेत्र विशेषज्ञ, सर्जन, ग्रेजुएशन के छात्र, नेत्रदान के लिए कार्यरत काउंसलर्स और नेत्र सहायक आदि को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी.
(देव की रिपोर्ट)