एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि एक स्पेशल टाइप की रेड वाइन (Red wine)किसी भी व्यक्ति की त्वचा को सालों साल जवां दिखा सकती है. फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं हर दिन दो गिलास अल्कोहल-फ्री मस्कैडिन (muscadine)वाइन पीती थीं, उनकी त्वचा में प्लासीबो पीने वाली महिलाओं की तुलना में अधिक इलास्टिसिटी और वाटर रिटेंशन था. यूएफ में फूड केमिस्ट्री के प्रोफेसर लिवेई गु (Liwei Gu),पीएचडी के साथ शोध करने वाले लिंडसे क्रिस्टमैन (Lindsey Christman)ने एक प्रेस रिलीज में कहा, "हमने अल्कोहलयुक्त मस्कैडिन वाइन का उपयोग किया क्योंकि हम वाइन में बायोएक्टिव कंपाउंड, विशेष रूप से पॉलीफेनोल्स, त्वचा के स्वास्थ्य पर प्रभाव में रुचि रखते थे."
17 महिलाओं पर किया गया अध्ययन
इलास्टिसिटी वो चीज होती है जो त्वचा को मजबूत बनाए रखने में मदद करती है और लोगों की उम्र बढ़ने के साथ स्किन में आने वाले ढीलेपन को रोकती है, जबकि वाटर रिटेंशन त्वचा को नुकसान से बचाने में मदद करती है.रैंडम क्लीनिकल टेस्ट में यह परीक्षण करने वाला पहला अध्ययन है कि अल्कोहल-फ्री वाइन का सेवन त्वचा के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है. वैज्ञानिकों ने 40 से 67 वर्ष की उम्र के बीच की 17 महिलाओं पर किया गया और उन्हें रैंडम तरीके से या तो प्रतिदिन दो गिलास अल्कोहलयुक्त मस्कैडिन वाइन या एक प्लेसबो पेय दिया जो दिखने और स्वाद में समान था.
एक तरीके का अंगूर है
मस्कैडिन ग्रेप दक्षिण पूर्व में मिलता है और अक्सर इसका उपयोग वाइन बनाने के लिए किया जाता है. लेकिन इसे "सुपर फ्रूट" के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसमें हाइ लेवल के पॉलीफेनोल्स जैसे एंथोसायनिन, क्वेरसेटिन और एलाजिक एसिड होते हैं जो सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं. क्रिस्टमैन ने कहा, "मस्कैडिन अंगूर में अन्य रेड वाइन किस्मों की तुलना में एक यूनीक पॉलीफेनोलिक प्रोफाइल पाई गई है." प्लेसबो पेय में पॉलीफेनोल्स नहीं थे.
क्या पाया गया अंतर
पार्टिसिपेंट्स ने छह सप्ताह तक हर दिन दिए गए पेय के दो गिलास पिए, फिर अगले छह सप्ताह के लिए दूसरे पेय पर स्विच करने से पहले दो सप्ताह का ब्रेक लिया. अध्ययन की शुरुआत में और प्रत्येक छह सप्ताह की अवधि के अंत में त्वचा की स्थिति और इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव तनाव के मार्करों को मापा गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्कैडिन वाइन ने त्वचा की इलास्टिसिटी में सुधार किया और सतह पर पानी की कमी को कम किया. क्रिस्टमैन ने कहा, "हमारे अध्ययन से पता चलता है कि मस्कैडिन वाइन पॉलीफेनोल्स में मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध महिलाओं में त्वचा की स्थिति, विशेष रूप से इलास्टिसिटी और ट्रान्सएपिडर्मल पानी की कमी में सुधार करने की क्षमता है."
हालांकि, अध्ययन के बाद उन्हें त्वचा पर झुर्रियों की संख्या पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं मिला. जबकि मस्कैडिन पीने वाले समूह के लिए त्वचा की चिकनाई में सुधार और इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव तनाव का स्तर निम्न था. उन कारकों में प्लेसबो समूह से अंतर महत्वपूर्ण नहीं था.
अल्कोहल पीने वाले दिखे ज्यादा यंग
क्रिस्टमैन ने समझाया, "इस क्रॉसओवर अध्ययन से पता चला है कि छह सप्ताह तक अल्कोहल रहित मस्कैडिन वाइन के सेवन से उम्र बढ़ने के साथ जुड़े कुछ त्वचा मापदंडों में सुधार हुआ है, जैसे बेसलाइन और प्लेसीबो की तुलना में फोलआर्म पर इलास्टिसिटी और चेहरे की त्वचा ज्वां थीं. यह सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी के कारण होने की संभावना है.'' अध्ययन के नतीजे सोमवार को बोस्टन में अमेरिकन सोसाइटी फॉर न्यूट्रिशन की वार्षिक बैठक, न्यूट्रिशन 2023 में प्रस्तुत किए गए.
शोधकर्ताओं का मानना है कि लोगों के एक बड़े और अधिक विविध समूह के साथ दोबारा अध्ययन करना निष्कर्षों की पुष्टि करने में मदद करने के लिए उपयोगी होगा. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसी शराब पीने से जिसमें अल्कोहल हो जैसे कि मस्कैडिन का प्रभाव समान नहीं हो सकता है. साथ ही क्रिस्टमैन ने यह भी कहा कि "डीलकोहोलाइजेशन प्रक्रिया रासायनिक संरचना को बदल सकती है."