
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस, पूर्व कुलपतिगणों और अन्य वरिष्ठ नागरिकों से 'निक्षय मित्र' के रूप में टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना साकार करने का आह्वान किया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सभी के साथ बैठक की और टीबी मुक्त उत्तर प्रदेश अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत से ही समर्थ भारत का निर्माण संभव है और जब भारत समर्थ होगा तभी शक्तिशाली होगा.
प्रदेश में टीबी रोगियों की जांच में तेजी
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक विश्व को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में टीबी रोगियों की जांच पहले के मुकाबले चार गुना हो गई है और टीबी उपचार की सफलता दर पिछले चार वर्षों में 79 प्रतिशत से बढ़कर 92 प्रतिशत हो गई है.
सरकार का मकसद टीबी संक्रमण से लोगों का बचाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि निःक्षय पोषण योजनान्तर्गत डीबीटी के माध्यम से लगभग 27 लाख टीबी रोगियों के खाते में 775 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान हो चुका है. उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के लापता रोगियों को खोजना, टीबी की मृत्यु दर को कम करना एवं स्वस्थ व्यक्तियों को टीबी के संक्रमण से बचाना है.
टीबी रोगी समाज का अंग: आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि यह सबका साझा दायित्व है कि कोई भी टीबी का रोगी छूटने न पाए और जिनको भी टीबी से ग्रसित पाया जाए, उनको तत्काल सही और निरंतर चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि टीबी रोगी समाज का अंग हैं, समाज में उनको सम्मान प्रदान कराया जाना, हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए.