रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस (Human Respiratory Syncytial Virus) से बचाव के लिए वैक्सीन बनकर तैयार हो चुकी है. ये वैक्सीन उन हजारों लोगों की जान बचाने में सक्षम होगी जो आरएसवी की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं. इस वैक्सीन को 3 मई को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा 60 से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मंजूरी मिली थी. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धी है, क्योंकि इस वैक्सीन को बनाने में दशकों लग गए हैं.
कब तक मार्केट में आएगी ये वैक्सीन
जीएसके द्वारा बनाए गए टीके में एक "सबयूनिट" है जो इम्यूनिटी स्ट्रॉग्स करने में मदद करता है. इस वैक्सीन को 60 और उससे ज्यादा उम्र के 25,000 लोगों पर आधारित एक अध्ययन के आधार पर मंजूरी दी गई थी. इस रिसर्च में बताया गया था कि इस वैक्सीन की एक खुराक आरएसवी की वजह से होने वाली बीमारियों के प्रति 83 प्रतिशत इफेक्टिव है. इस वैक्सीन को यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन से भी जून तक मंजूरी मिल सकती है. ये वैक्सीन अमेरिका में फार्मेसियों और क्लीनिकों में इसी साल सितंबर के बाद उपलब्ध होगी.
क्या है वैक्सीन के साइड इफेक्ट
हालांकि सभी वैक्सीन की तरह इस वैक्सीन के भी कुछ साइड इफेक्ट है जैसे, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और जोड़ों में अकड़न, बुखार. कुछ लोगों में असामान्य दिल की धड़कन बढ़ने जैसे लक्षण भी देखने को मिले.
अमेरिका में हर साल होती है हजारों मौतें
रिपोर्ट्स की मानें तो केवल अमेरिका भर में 60,000-160,000 लोगों को RSV संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और उनमें से 6,000-10,000 लोगों की मौत हो जाती है. हाल के वर्षों में इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ी है, क्योंकि पिछले दो सर्दियों में इस बीमारी की वजह से मरीजों की हालत गंभीर हुई है.
क्या है आरएसवी
RSV एक ऐसा वायरस है जो आपके लंग्स और Respiratory सिस्टम को प्रभावित करता है. आरएसवी एक आम वायरस है जो आम तौर पर हल्के, ठंड जैसे लक्षणों का कारण बनता है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों के साथ-साथ कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ये जानलेवा साबित होता है. ज्यादातर लोग इसके लक्षणों को कोल्ड समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन यह बहुत तेज स्पीड से फैलता है.
आरएसवी के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के चार से छह दिन बाद दिखाई देता है.
बहती नाक
सूखी खांसी
हल्का बुखार
गला खराब होना
बार-बार छींक आना
सिर दर्द
घरघराहट
तेजी से सांस लेना
ऑक्सीजन की कमी के कारण त्वचा का नीला पड़ जाना
कैसे फैलता है RSV
रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस आंखों, नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. यदि आरएसवी वाला कोई व्यक्ति आपके पास खांसता या छींकता है तो आपका बच्चा संक्रमित हो सकता है. हाथ मिलाने जैसे सीधे संपर्क से भी ये वायरस फैलता है. यह सबसे पहले मरीज के फेफड़ों और सांस की नली पर अटैक करता है. जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. यह वायरस सबसे पहले बच्चों और बुजुर्गों को चपेट में लेता है और घातक साबित हो सकता है.