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Artificial Sweetner के इस्तेमाल से नहीं घटता आपका वजन...ज्यादा इस्तेमाल आपको बना सकता है बीमार, WHO ने दी चेतावनी

WHO ने ऑर्टिफिशियल स्वीटनर के उपयोग के खिलाफ चेतावनी जारी की है.आर्टिफिशियल स्वीटनर एक ऐसा पदार्थ है जो रासायनिक रूप से चीनी की नकल करने के लिए बनाया जाता है.

Artificial Sweetner Artificial Sweetner

पिछले कई वर्षों में non-sugar sweetners (NSS) का उपयोग बढ़ गया है. ऑर्टिफिशियल स्वीटनर को चीनी की जगह कम कैलोरी वाला और स्वस्थ विकल्प माना जाता है. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वजन कम करने या या नॉन कम्यूनिकेबल रोगों के जोखिम को कम करने के लिए ऑर्टिफिशियल स्वीटनर के उपयोग के खिलाफ चेतावनी जारी की है. WHO का कहना है कि लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग जैसे रोग जैसी बीमारियां हो सकती हैं. कॉमन नॉन शुगर स्वीटनर्स में एसिल्स्फाम के, एस्पार्टेम, एडवांटम, साइक्लेमेट्स, नियोटेम, सैकरिन, सुक्रोलोज, स्टीविया और स्टेविया डेरिवेटिव शामिल हैं.

आर्टिफिशियल स्वीटनर और नेचुरल स्वीटनर के बीच का अंतर
आर्टिफिशियल स्वीटनर एक ऐसा पदार्थ है जो केमिकल का इस्तेमाल करके बनाया जाता है. इसका उपयोग चीनी की जगह मिठास के लिए किया जाता है. इनमें शून्य कैलोरी होती है और कभी-कभी ये चीनी से भी अधिक मीठी होती हैं. एस्पार्टेम, सैकरिन और सुक्रालोज आर्टिफिशियल स्वीटनर के कुछ उदाहरण हैं. शहद, एगेव अमृत, मेपल सिरप प्राकृतिक चीनी के कुछ उदाहरण हैं लेकिन इनमें से भी कई को प्रोसेस किया जाता है. स्टेविया को स्टीविया पौधे की पत्तियों के अर्क के साथ बनाया जाता है, लेकिन इसको भी काफी प्रोसेस किया जाता है और लोग इसका पूरा लाभ नहीं उठा पाते हैं.

WHO ने आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. 

1. वजन घटाने में मदद नहीं करते हैं
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि लोगों को लगता है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर खाकर वो वजन घटा पाएंगे लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है. इसकी जगह उन्हें  फलों में प्राकृतिक रूप से मौजूद चीनी का सेवन करना चाहिए.

पोषण और खाद्य सुरक्षा के लिए डब्ल्यूएचओ निदेशक, ब्रांका फ्रांसेस्को कहते हैं, "एनएसएस के साथ फ्री शर्करा को बदलने से लंबी अवधि में वजन नियंत्रण में मदद नहीं मिलती है. लोगों को फ्री शर्करा का सेवन कम करने के अन्य तरीकों पर विचार करने की आवश्यकता है, जैसे कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शर्करा वाले भोजन का सेवन करना जैसे फल या बिना चीनी वाला भोजन या पेय पदार्थ."  

2. इसमें कोई न्यूट्रिशनल वैल्यू नहीं होती
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एनएसएस आवश्यक आहार कारक नहीं है और इसका कोई पोषण मूल्य नहीं है. ब्रांका ने कहा, "लोगों को अपने स्वास्थ्य में सुधार के लिए शुरुआत में ही कम मिठास वाला आहार लेने की आदत डाल लेनी चाहिए."

3. मधुमेह के रोगियों के लिए यह उपयोगी नहीं है
यह पहले से मौजूद मधुमेह वाले व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों पर लागू होती है और इसमें सभी सिंथेटिक और प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले या संशोधित गैर-पोषक मिठास शामिल हैं जो कि निर्मित खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में पाए जाने वाले शर्करा के रूप में वर्गीकृत नहीं हैं.

4. टूथपेस्ट में चीनी के बारे में क्या?
WHO के दिशानिर्देश एनएसएस युक्त पर्सनल केयर और हाइजनिक प्रोजक्ट्स में चीनी और चीनी डेरिवेटिव, या कम कैलोरी वाले शर्करा और चीनी अल्कोहल (पॉलीओल्स) पर लागू नहीं होते हैं, जो शर्करा या कैलोरी युक्त चीनी डेरिवेटिव हैं और इसलिए एनएसएस नहीं माना जाता है.

क्या हैं आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के साइड-इफेक्ट

1.ये गैर मधुमेह रोगियों में वजन कम करने में मदद नहीं करते हैं इसलिए वजन घटाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

2. लंबे समय तक इसके उपयोग से शरीर पर गलत असर पड़ता है.

3. बचपन या गर्भावस्था में कभी भी प्रयोग न करें.

4. जहां तक ​​हो सके परहेज करें. अगर आपका मीठा खाने का शौक आपको बहुत परेशान करता है, तो कभी-कभार ही इसका इस्तेमाल करें.

5. अमेरिकी, यूरोपीय, भारतीय मधुमेह संघ उन्हें प्रतिबंधित नहीं करते हैं. अगर आप इसके यूजर हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है.

6. प्राकृतिक चीनी के विकल्प जैसे गुड़ में सफेद चीनी के समान कैलोरी होता है.