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SCAD Symptoms: केवल महिलाओं को प्रभावित कर रहा है ये हार्ट अटैक, आप भी पहले ही जान लीजिए SCAD के लक्षण

SCAD Heart Attack: इस तरह का हार्ट अटैक ज्यादातर महिलाओं को प्रभावित करता है. लेकिन अच्छी थेरेपी के बावजूद भी, SCAD फिर से हो सकता है. इसका कारण है कि हमारे दिल की मांसपेशियां काफी संवेदनशील हो जाती हैं. जिसकी वजह ये आपको बार-बार परेशान कर सकता है. 

SCAD Symptoms SCAD Symptoms
हाइलाइट्स
  • महिलाओं को है ध्यान रखने की जरूरत 

  • महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है

बिगड़ते लाइफस्टाइल, खराब जलवायु और बढ़ते प्रदूषण की वजह से कई बीमारियों ने हमें घेर लिया है. आए दिन लोग हृदय रोग से जुड़ी परेशानियां शेयर करते रहते हैं. हालांकि, कई ऐसी बीमारियां हैं जो आजकल महिलाओं में ज्यादा देखने को मिल रही हैं. स्पॉन्टेनियस कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन या SCAD भी एक ऐसी ही बीमारी है. ये तब होती है जब हमारे हार्ट की ब्लड आर्टरी (रक्त धमनी) फट जाती हैं. इसकी वजह से खून का प्रवाह धीमा हो जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आर्टरी की लेयर्स टूट जाती हैं, या खून केवल टूटी हुई आर्टरी से बहता है और दीवार की परतों के बीच फंस जाता है. 

दिल का दौरा फंसे हुए खून के उभार के कारण होता है जो तब होता है जब हृदय में खून का प्रवाह बाधित हो जाता है. इसके कारण कार्डियक अरेस्ट के अलावा कई बार असामयिक मृत्यु भी हो जाती है. बता दें, SCAD हार्ट अटैक एथेरोस्क्लेरोसिस से संबंधित दिल के दौरे से अलग होते हैं. 

महिलाओं को है ध्यान रखने की जरूरत 

एससीएडी किसी भी उम्र में पुरुषों या महिलाओं पर हमला कर सकता है. हालांकि 40 और 50 की उम्र वाली महिलाओं को इससे ज्यादा बचने की जरूरत है. क्योंकि ये उन्हें अधिक प्रभावित करता है. SCAD पोस्टमेनोपॉज के दौरान या मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान होने की ज्यादा संभावना होती है. एससीएडी रोगियों में अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, या डायबिटीज जैसे हृदय रोग जोखिम कारक नहीं होते हैं. इसका कारण महिला हार्मोन में हो रहे बदलाव या परिवर्तन होते हैं.  

कैसे रखें खुद का ध्यान 

अगर आपकी धमनी फट गई है तो आपको कुछ शारीरिक गतिविधि और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को सीमित करने की जरूरत हो सकती है ताकि बाकि धमनियों को फटने रोका जा सके. इसके अलावा, आपके डॉक्टर कार्डियक रिहैबिलिटेशन की सलाह दे सकते हैं, जिसकी मदद से आप अपने दिल को मजबूत कर सकते हैं और सुरक्षित कसरत तकनीक सीख सकते हैं.

SCAD से जुड़े कुछ लक्षण

-सीने में दर्द

-छाती में तेज पल्स

-हाथ, कंधे, पीठ, या जबड़े में तकलीफ

-सांस लेने में कठिनाई

-पसीना आना

-थकान

-जी मिचलाना

-चक्कर आना

महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है

SCAD के लिए जेंडर एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है क्योंकि यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है. SCAD जेनेटिक फैक्टर्स  जैसे कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर, वैस्कुलर एहलर्स-डैनलोस सिंड्रोम और मार्फन सिंड्रोम से भी प्रभावित होता है. इसके अलावा, SCAD और हाई ब्लड प्रेशर भी एक दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं. 

एक और बात, अच्छी थेरेपी के बावजूद भी, SCAD फिर से हो सकता है. इसका कारण होता है कि हमारे दिल की मांसपेशियां काफी संवेदनशील हो जाती हैं. जिसकी वजह ये आपको बार-बार परेशान कर सकता है.