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दुनिया में पहली बार भेड़ में मिला H5N1 बर्ड फ्लू का केस, क्या यह बीमारी इंसानों में भी फैल सकती है?

दुनिया में पहली बार किसी भेड़ में बर्ड फ्लू H5N1 का मामला सामने आया है. यह घटना यॉर्कशायर में हुई है. H5N1 वायरस अमेरिकी डेयरी मवेशियों में भी देखने को मिलता है.

H5N1 H5N1
हाइलाइट्स
  • भेड़ में मिला बर्ड फ्लू का मामला

  • आम लोगों को H5N1 से संक्रमित होने का खतरा कम

दुनिया में पहली बार किसी भेड़ में बर्ड फ्लू H5N1 का मामला सामने आया है. यह घटना यॉर्कशायर में हुई है. H5N1 वायरस अमेरिकी डेयरी मवेशियों में भी देखने को मिलता है. इससे पहले घोड़ों में भी यह वायरस देखने को मिला था. ये 'स्पिल-ओवर' संक्रमण हैं, जिसमें पक्षी वायरस प्रजातियों में फैलता है.

भेड़ में मिला बर्ड फ्लू का मामला
ब्रिटेन में H5N1 बड़े स्तर पर फैल रहा है. हाल के महीनों में लाखों मुर्गियां मार दी गई हैं. अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन(CDC) के मुताबिक H5N1 से महामारी फैलने का खतरा है. जंगली स्तनधारी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. हाल ही में मरे हुए सील में ये वायरस पाया गया है. लोमड़ियों, ऊदबिलाव, डॉल्फिन और पोरपोइज में भी वायरस पाया गया है. एनिमल प्लांट हेल्थ एजेंसी स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही है.

आम लोगों को H5N1 से संक्रमित होने का खतरा कम
इस बीमारी से घरेलू और जंगली पक्षी संक्रमित के मामले ही देखे गए हैं. यह वायरस संक्रमित पक्षी के मल के साथ-साथ उसकी आंख, नाक या मुंह से निकलने वाले तरल पदार्थ में भी पाया जाता है. आम लोगों के H5N1 से संक्रमित होने का खतरा कम होता है लेकिन जो लोग पक्षियों, जानवरों के साथ काम करते हैं उनमें इसके लक्षण दिख सकते हैं.

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बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, उल्टी का एहसास, बुखार, मांसपेशियों में दर्द और सिर दर्द शामिल हैं. अगर ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. नॉन वेज खाने वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. चिकन को 70 डिग्री से ऊपर अच्छी तरह पकाकर खाएं. मांस का कोई भी हिस्सा कच्चा या लाल नहीं रहना चाहिए. बाहर से मीट लाने पर बार-बार हाथ धोएं.

क्या रखें सावधानियां
नॉन वेज खाने वालों को खास सावधानी बरतनी चाहिए. चिकन को 70 डिग्री से ऊपर अच्छी तरह पकाकर खाएं. मांस का कोई भी हिस्सा कच्चा या लाल नहीं रहना चाहिए. बाहर से मीट लाने पर बार-बार हाथ धोएं. संक्रमित मुर्गी के अंडे को ना खाएं. पहले से ही इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें, उन स्थान पर जाने से बचें जहां संक्रमित पक्षी या जानवर रहते हैं. पक्षियों, वन्यजीवों और उनके मल से खुद को दूर रखें.